खुलासे के बाद जर्मन खुफिया एजेंसी पर दबाव
३ जुलाई २०१२फरफासुंग्सशुत्स के प्रमुख हाइन्स फ्रॉम्म के इस्तीफे के बावजूद उग्र दक्षिणपंथी तबके में मुखबिरों की भूमिका पर सवाल रुके नहीं हैं. गृहमंत्री फ्रीडरिष ने कहा है कि इस बात की गहराई से जांच होनी चाहिए कि क्या एजेंसी का काम करने का तरीका समयानुकूल है. वे इस कांड से सबक सीखने और संरचना में सुधार की मांग कर रहे हैं. फ्रीडरिष ने कहा, "जो हुआ है नहीं होना चाहिए था, इसलिए उसके अंजाम भी होंगे." सूचना पाने, उसके इस्तेमाल और पुलिस के साथ सहयोग की जांच होगी.
आतंकी गुट नेशनल सोशलिस्ट अंडरग्राउंड एनएसयू द्वारा की गई सिलसिलेवार हत्याओं की जांच कर रहा संसदीय आयोग इस बात का पता लगाएगा कि क्या खुफिया एजेंसी के मुखबिरों को एनएसयू के आसपास तैनात किया गया था. आयोग में ग्रीन पार्टी के प्रतिनिधि वोल्फगांग वीलांड ने कहा है कि अविश्वास तो है.
जर्मनी में तुर्क समुदाय के अध्यक्ष केनान कोलात ने मांग की है कि फरफासुंग्सशुत्स को भंग किए जाने के बारे में सोचा जाना चाहिए. ग्रीन पार्टी के प्रमुख चेम ओएज्देमीर ने राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर खुफिया सेवा की जांच की जानी चाहिए. वामपंथी डी लिंके के अध्यक्ष बैर्न्ड रीशिंगर ने भी खुफिया सेवा पर सवाल किए हैं.
एनएसयू जांच आयोग के प्रमुख एसपीडी के सेबाश्चियन एडाथी ने कहा, "फरफासुंग्सशुत्स भरोसे के संकट का सामना कर रहा है." आयोग ने मामले की जांच के लिए दबाव बढ़ा दिया है. एडाथी के अनुसार आज सांसदों को ऑपरेशन रेनश्टाइग से संबंधित बाकी फाइलें देखने के लिए दी गईं. 1997 से 2003 तक चले इस ऑपरेशन में थ्युरिंजिया के नवनाजी संगठन हाइमाटशुत्स पर मुखबिरों की रिपोर्ट है.
सांसदों पर भी समय का दबाव है. बहुत से सांसद इन फाइलों को पढ़ना चाहते हैं. गुरुवार को न सिर्फ फ्रॉम्म को आयोग में पूछताछ के लिए बुलाया गया है बल्कि उस अधिकारी को भी जिसने फाइलों को नष्ट करने का आदेश दिया था. आयोग की सदस्य एसपीडी की एफा होएग्ल कहती हैं, "हमें देखना होगा कि कुछ दबाने की कोशिश तो नहीं हुई है." ग्रीन सांसद वीलांड का कहना है कि चूंकि नष्ट दस्तावेजों की जानकारी का दूसरी फाइलों में भी इस्तेमाल हुआ है, फाइलों को देखने से उनका पता चल सकेगा.
सत्ताधारी सीडीयू पार्टी के सांसद क्लेमेंस बीनिंगर ने भी इस बात की जांच करने की मांग की है कि खुफिया एजेंसी के मुखबिर एनएसयू के समर्थक या केंद्रीय किरदार थे. ग्रीन सांसद हंस क्रिस्टियान श्ट्रोएब्ले ने कहा है कि आयोग को मुखबिरों या उनके अधिकारियों के साथ पूछताछ करनी चाहिए.
आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि उग्र दक्षिणपंथियों द्वारा की गई हत्याओं का इतने साल तक पता कैसे नहीं चला. अलग अलग जगहों पर विदेशी मूल के लोगों की हत्याओं के लिए जांच अधिकारियों ने मृतक के आसपास हत्यारों को खोजा. उन्होंने उनमें नवनाजियों का हाथ होने की संभावना को नजरअंदाज कर दिया. पिछले साल पता चला कि इन हत्याओं के लिए एक नवनाजी गुट जिम्मेदार था.
एमजे/एनआर(डीपीए, रॉयटर्स)