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चीन की ली ने जीता फ्रेंच ओपन

४ जून २०११

चीन की ली ना ने इतिहास रचते हुए फ्रेंच ओपन जीता. महिला सिंगल्स के फाइनल में उन्होंने इटली की फ्रांचिस्का शियावोने को हराया. यह पहला मौका है जब किसी एशियाई खिलाड़ी ने सिंगल्स में ग्रैड स्लैम जीता है.

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पैरिस की लाल मिट्टी पर 29 साल की चीनी खिलाड़ी का मुकाबला 2010 की फ्रेंच ओपन चैंपियन फ्रांचिस्का शियावोने से हुआ. पहला सेट ली ना ने आराम से, 6-4 से जीता. ली के सामने शियावोने काफी असहज दिखीं. लेकिन दूसरे सेट में इटैलियन खिलाड़ी शियावोने ने जबदस्त वापसी की.

2-4 से पिछड़ने के बावजूद शियावोने ने ली का पीछा किया और स्कोर 4-4 कर दिया. यहां से शियावोने आगे बढ़ीं. पहले उन्होंने स्कोर 5-4 किया फिर 6-5. लेकिन ली भी हार कहां मानने वाली थीं. उन्होंने मुकाबला 6-6 कर मैच को टाई ब्रेकर तक खींच दिया. टाई ब्रेकर में पांचवी वरियता प्राप्त शियावोने की एक न चली. ली ने 7-0 से टाई ब्रेकर भी अपने नाम किया और पहला ग्रैड स्लैम खिताब भी चूमा. आखिरी स्कोर 6-4, 7-6 (7-0) रहा.

छठीं वरियता की खिलाड़ी ली ने फ्रेंच ओपन की विजेता बनने के बाद कहा, "जब में 4-2 पर थी तो उन्होंने जबरदस्त वापसी की. उनकी वापसी से मैं घबरा गई लेकिन मैंने अपनी भावना को जाहिर नहीं होने दिया." कैमरे के चमचमाते फ्लैशों के बीच ली ने ट्राफी चूमी. चीन का राष्ट्रीय गान बजते ही उनकी आंखें भावुक हो गई. ली ने सेमीफाइनल में रूस की खिलाड़ी मारिया शारापोवा को मात दी थी.

पिछले साल इटली के लिए पहला फ्रेंच ओपन जीतने वाली शियावोने हार से मायूस जरूर दिखी लेकिन उन्होंने ली की जमकर तारीफ की. शियावोने ने कहा, "उन्होंने शानदार खेल खेला. मैं उन्हें आगे ला ही नहीं सकी. मुकाबला नजदीकी जरूर हुआ लेकिन आज वह जीत की हकदार थीं."

रिपोर्ट. एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ईशा भाटिया

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