चीन विरोधी नेता अमेरिकी शरण में
२८ अप्रैल २०१२करीब 19 महीने तक अपने ही घर पर नजरबंद रहने के बाद चेन वहां से भाग निकलने में कामयाब हो गए. उन्होंने इस दौरान वहां तैनात गार्डों और सुरक्षा उपकरणों को भी भेद दिया. बताया जाता है कि इसके बाद से वह अमेरिका के दूतावास में हैं लेकिन अमेरिका और चीन दोनों ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन चीन के दौरे पर आ रही हैं और जानकारों का कहना है कि उनकी बातचीत पर यह पूरी घटना बड़ा असर डाल सकती है. टेक्सस स्थित चाइनाएड ने दावा किया है कि उसे "मौके पर चेन के नजदीकी सूत्र से पता चला है कि वह अमेरिका की शरण में हैं. इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच उच्च स्तर की बातचीत हो रही है."
चाइनाएड के अध्यक्ष बॉब फू का कहना है, "चेन बेहद लोकप्रिय हैं और इसे ध्यान में रखते हुए ओबामा प्रशासन को उनके साथ खड़ा होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आजादी के समर्थक होने के उनके दावे को बड़ा झटका लगेगा."
जुल्म के बीच
बीजिंग के वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता पू जिकजांगा का भी दावा है कि उन्हें विश्वसनीय संपर्कों ने बताया है कि चेन अमेरिकी दूतावास में हैं. उन्होंने रॉयटर्स से बातचीत में कहा, "सबको पता है कि चेन और उनके परिवार के साथ जुल्म किया जा रहा था. लेकिन कोई भी इसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर रहा. वह अंधे कानून वाली सत्ता के कब्जे में थे लेकिन आज ऐसा दिन आ गया है कि वह वहां से निकल पाने में कामयाब हो गए."
जन्म से ही नेत्रहीन 41 साल के चेन ने चीन में जबरदस्ती गर्भपात के खिलाफ आवाज बुलंद की थी, जिसकी वजह से उन्हें सरकार के निशाने पर आना पड़ा. उन्हें 2010 तक जेल में रखा गया, जिसके बाद उनकी रिहाई हो गई. लेकिन फिर भी उन्हें गैरकानूनी तौर पर उनके ही गांव में घर पर नजरबंद रखा गया. घर के पास गार्डों और निगरानी उपकरणों को तैनात कर दिया गया.
क्लिंटन दौरे पर असर
चीन में इस साल के आखिर तक सत्ता परिवर्तन होने वाला है और चेन की घटना कम्युनिस्ट राज के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है. इसका असर क्लिंटन की चीन यात्रा पर भी पड़ सकता है. इस बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश उपमंत्री कुई टियानकाई ने कहा, "मुझे नहीं मालूम कि आप यह सवाल किसलिए पूछ रहे हैं."
चीन के शासन विरोधी हू जिया ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले चेन से मुलाकात की थी और उन्हें चेन ने कहा था कि वह कहीं शरण लेने की नहीं सोच रहे हैं. हू ने कहा, "अगर वे उन्हें पकड़ लेते हैं तो इसका खराब नतीजा निकल सकता है. लिहाजा उन्होंने सबसे सुरक्षित जगह जाने का फैसला किया है. हालांकि वह देश में रह कर संघर्ष करना चाहते हैं. कहीं और शरण लेना नहीं चाहते."
दोस्तों पर दबाव
इस घटना के बाद हू को भी पुलिस कहीं ले गई है. उनकी पत्नी जेंग जिनयान ने बताया कि उन्हें भी पकड़े जाने का खतरा सता रहा है, "स्थिति बहुत संवेदनशील है. पुलिस मेरे घर के बाहर खड़ी है." अमेरिका सहित पश्चिमी देश इस बात के लिए चीन की निंदा करते हैं कि वह अपने विरोधियों को जेल में डाल देता है या उन्हें नजरबंद कर देता है.
चेन के दो निकट साथी हे पियोरोंग और ग्वो यूशान के बारे में कोई पता नहीं चल पा रहा है. कहा जा रहा है कि पुलिस ने इन दोनों को पकड़ लिया है. इस बीच अमेरिकी दूतावास के बाहर सुरक्षा में किसी तरह के बदलाव के संकेत नहीं दिख रहे हैं.
अगर चेन ने अमेरिकी दूतावास में शरण ली है तो एक बार फिर वैसा ही माहौल बन सकता है, जैसा फांग लिजी के दौर में बना था. चीन में 1989 की क्रांति के बाद फांग भी अमेरिकी दूतावास भाग गए थे, जहां से वह अमेरिका पहुंच गए. हाल ही में उनका निधन हो गया.
एजेए/एमजे (रॉयटर्स)