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छक्के के साथ भज्जी की सेंचुरी

८ नवम्बर २०१०

एक दमदार छक्का मारते हुए हरभजन ने अपने क्रिकेट जीवन का पहला शतक ठोंका. इससे पहले अंपायर डेविस के फैसले के चलते लक्ष्मण अपने शतक से चूक गए. डेविस ने जहीर को भी आउट कर दिया.

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बल्ले बल्ले बल्लेतस्वीर: AP

अहमदाबाद का पहला टेस्ट अपनी आखिरी सांस ले रहा है. दूसरी पारी के 239 रनों के साथ भारत की बढ़त 267 रनों की हो चुकी है, 38 ओवर का खेल बाकी हैं.

औसत का नियम लक्ष्मण पर नहीं चलता, नहीं तो पिछली कई पारियों के बाद अहमदाबाद में भारत की दूसरी पारी में उनका प्रदर्शन मामूली होना चाहिए था. लेकिन उन्होंने 91 रनों की एक पारी खेली, और इस स्कोर पर वेटोरी की गेंद पर अंपायर डेविस ने उन्हें आउट घोषित किया. अगली ही गेंद पर जहीर भी इनसाइड एज के बावजूद आउट घोषित किए गए. दोनों बल्लेबाज सिर हिलाते हुए पैविलियान वापस लौटे.

अच्छे मौसम में दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों वाली भारत की टीम 15 रनों पर चार विकेट खो चुकी थी, जब लक्ष्मण और कप्तान धोनी की 50 रनों की साझेदारी से उसे ऑक्सीजन मिली. धोनी भी 22 रनों के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट हुए थे. चौथे दिन के अंत में लक्ष्मण 34 और हरभजन 12 रनों पर खेल रहे थे. भारत का स्कोर था 6 विकेट पर 82 रन, यानी 110 रनों की बढ़त.

पांचवे दिन के खेल में नतीजे की तीनों संभावनाएं मौजूद थी. लेकिन पहले सधी हुई, और फिर भज्जी की आतिशबाजी के अंदाज में बल्लेबाजी के साथ भारतीय टीम ने उसे ड्रॉ के कगार पर पहुंचा दिया है.

जोखिम के साथ पारी की घोषणा का नतीजा सोबर्स और स्टीव वॉ सरीखे कप्तान झेल चुके हैं. भारतीय कप्तान धोनी अपनी किस्मत का रिकॉर्ड बनाए रखना चाहते हैं. भारतीय पारी जारी है, टीम इंडिया का हारने का खतरा टल चुका है. लेकिन यह न हारना क्या कोई न हारना है?

रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: ए कुमार

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