जर्मनी में रहें पर तुर्क तहजीब न भूलें: एरदोआन
२ मार्च २०११यात्रा की शुरुआत के साथ ही तुर्क प्रधानमंत्री ने जर्मनी में रह रहे तुर्क मूल के लोगों को संबोधित करते हुए एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने जर्मन सरकार और यूरोपीय संघ की समेकन नीतियों की आलोचना की. एरदोआन ने जर्मनी के ड्यूसेलडॉर्फ शहर में करीब 10,000 तुर्क नागरिकों को संबोधित किया.
उन्होंने लोगों को मदद का आश्वासन देते हुए कहा, "लोगों को जर्मन समाज में सम्मिलित होकर अपनी संस्कृति भूल जाने के लिए मजबूर करना गलत है. मैं समेकन का समर्थन करता हूं. हम जिस समाज में रहते हैं, हमें उसमें घुल मिल कर रहना चाहिए." पर साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समेकन का मतलब अपनी संस्कृति को भूल जाना नहीं है, "कोई भी हमें हमारी संस्कृति से अलग नहीं कर सकता."
एरदोआन के भाषण से लोगों में काफी उत्साह दिखा. लोग हाथों में तुर्की के झंडे लिए दिखे. एरदोआन ने कहा, "हमारे बच्चों को जर्मन सीखनी चाहिए, लेकिन पहले उन्हें टर्किश सीखनी होगी." उन्होंने यह भी कहा कि वह तुर्की को यूरोपीय संघ का हिस्सा बनाने के लिए कोशिश जारी रखेंगे.
मिलेगी दोहरी नागरिकता
तीन साल पहले जर्मनी के कोलोन शहर में एरदोआन ने इसी तरह का एक भाषण दिया जिस पर खूब बवाल हुआ. इसी को ध्यान में रखते हुए ड्यूसेलडॉर्फ पुलिस ने पूरी तैयारियां की थीं. पुलिस को आशंका थी कि भाषण के बाद शहर में प्रदर्शन हो सकते हैं. एरदोआन ने उसी बवाल पर इशारा करते हुए कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना है कि जर्मन मीडिया मेरे शब्दों को तोड़ मरोड़ कर ना प्रस्तुत करे."
एरदोआन ने एक नए कानून की भी घोषणा की, जिसके चलते जर्मनी में बसे तुर्क जर्मन नागरिकता को छोड़े बिना तुर्की की नागरिकता भी ले पाएंगे. इन लोगों को एक ब्लू-कार्ड दिया जाएगा जिसकी मान्यता तुर्की के पहचान पत्र के बराबर होगी. हालांकि जर्मनी तुर्क वयस्कों को दोहरी नागरिकता देने से इनकार करता है.
एरदोआन सोमवार को जर्मनी के हानोवर शहर में शुरू होने वाले आईटी मेले 'सेबिट' में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से मिलेंगे. तुर्की इस साल 'सेबिट' में जर्मनी का आधिकारिक साझेदार है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने हमेशा तुर्की को यूरोपीय संघ में शामिल किए जाने पर एतराज जताया है. एक दिन पहले ही एरदोआन ने इस बात पर मैर्केल की आलोचना की थी.
एरदोआन ने जर्मनी के अखबार 'रहाईनिशे पॉस्ट' से बात करते हुए कहा, "तुर्की के लोग जर्मनी से यह उम्मीद करते हैं कि वह यूरोपीय संघ में तुर्की के जुड़ने पर समर्थन दिखाए. केवल राजनीतिक कारणों से यह टल रहा है."
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह