जर्मनी में राष्ट्रीय साइबर अपराध विरोधी केंद्र बना
१६ जून २०११यह केंद्र भविष्य में साइबर अपराधों का पता लगाने, उनका विश्लेषण करने और उनकी रोकथाम का काम करेगा. गृह मंत्री फ्रीडरिष ने केंद्र के शुरू किए जाने से पहले कहा, "बिजली और जल आपूर्ति जैसी महत्वपूर्ण संरचनाएं आजकल अत्याधुनिक आईटी सिस्टमों के बिना नहीं चल सकतीं. इन सिस्टमों पर साइबर हमलों का खतरा लगातार बढ़ रहा है."
जर्मन गृह मंत्री का कहना है कि इस तरह के हमलों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं और बहुत व्यापक नुकसान पहुंचा सकते हैं जो आबादी के बड़े हिस्से को सीधे प्रभावित करेंगे. ऐसी स्थिति में संभव है कि उन्हें पानी और बिजली न मिले. बिजली की आपूर्ति न होने से पूरा जनजीवन ठप्प हो जाएगा. फ्रीडरिष ने कहा, "ऐसी परिस्थिति की संभावना को रोकने के लिए जर्मन सरकार ने एक साइबर सुरक्षा रणनीति बनाई है."
गुरुवार को शुरू हो रहे राष्ट्रीय साइबर अपराध विरोधी केंद्र का लक्ष्य साइबर अपराधों को रोकना होगा. आईटी सुरक्षा पर इस साल की रिपोर्ट भी जारी हो रही है. इसमें कहा गया है कि साइबर हमलों के तरीके बेहतर होते जा रहे हैं और उन्हें रोकने के लिए लगातार बड़े प्रयासों की जरूरत हो रही है. हालांकि आईटी सिस्टमों पर साइबर हमले हमेशा से होते रहे हैं लेकिन उनकी गहनता और चरित्र बदल गए हैं और अब वे जानबूझकर किए जाने लगे हैं.
इन हमलों से कोई अछूता नहीं है. बुधवार को एक हैकर ग्रुप ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की वेबसाइट पर हमले का दावा किया. एक ट्विटर संदेश में लुल्ज सिक्योरिटी नाम के ग्रुप ने लिखा, टैंगो डाउन-सीआईए डॉट गॉव. इस ग्रुप ने सोमवार को सीनेट की वेबसाइट पर भी हमला किया था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए कुमार