जलवायु परिवर्तन को रोकना हुआ महंगा
१५ जनवरी २०११इस पुरस्कार की कुल राशि 4 लाख यूरो है. स्टर्न के अध्ययन के बारे में ज्यूरी ने कहा, "यह आर्थिक विश्लेषण जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को मापता है और निर्णय लेने के लिए एक अद्वितीय और मजबूत आधार प्रदान करता है. इस अध्ययन ने अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन पर चल रही बहस का रुख ही मोड़ दिया है और यह दिखाया है कि क्या कदम उठाने चाहिए."
स्टर्न ने चार साल पहले अपने 'स्टर्न रिव्यू' में कहा था कि आर्थिक तौर पर जलवायु परिवर्तन से निपटना कुछ न करने से कहीं बेहतर है. स्टर्न ने अपने अध्ययन में पाया कि अगर जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में कुछ नहीं किया गया तो विश्व आर्थिक विकास में कम से कम 20 प्रतिशत की गिरावट आ जाएगी. जबकि यदि कदम उठाए गए तो उसका खर्च एक साल में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था का केवल एक प्रतिशत ही होगा.
हालांकि अब उनका यह कहना है कि आज की तारीख में यह राशि उस से कई ज्यादा है जिसका उन्होंने 2006 में अनुमान लगाया था. उन्होंने कहा कि यदि वे इस अध्ययन को अभी लिख रहे होते तो वे उन आंकड़ों में संशोधन जरूर करते.
देर होने से पहले रुक जाओ
अनुमान लगाई गई राशि बढ़ जाने के बारे में उन्होंने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि इस से पहले कि कोई कदम उठाए जाएं, जलवायु परिवर्तन के परिणाम पहले से ही दिखने शुरू हो गए हैं.
उत्सर्जन तेजी से बढ़ रहा है, और समुद्र की कार्बन निगल लेने की क्षमता उस से काफी कम है जो हम सोचते थे. इसके अलावा और भी कई प्रभाव देखे जा सकते हैं, विशेष रूप से ध्रुवीय बर्फ बहुत ही तेजी से पिघल रही है. हमें जल्द से जल्द कठोर कदम उठाने होंगे, नहीं तो इसे रोकने के लिए जो राशि चाहिए वो बढती ही जाएगी."
उन्होंने कहा कि विश्व भर के देशों को इस चुनौती का मिलकर सामना करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन अब औद्योगिक क्रांति जैसा है- जो देश इसमें निवेश करेंगे उन्हें इसका फायदा मिलेगा और जो इस जोखिम में पड़ने से बचते रहेंगे, वो पीछे रह जाएंगे. स्टर्न के मुताबिक चीन और स्पेन अपनी नींद से जाग गए हैं, लेकिन अमेरिका और उस जैसे अन्य रईस देश अभी भी धीरे धीरे ही आगे बढ़ रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: एस गौड़