जापान में बिजली बचाओ अभियान
६ जून २०११आज से टोक्यो में सुबह की शिफ्ट सुबह साढ़े सात बजे से शुरू हो गई है जो सवा चार बजे तक चलेगी. इस समय 9,500 कर्मचारी इस अभियान में भाग ले रहे हैं. जुलाई तक उनकी संख्या बढ़ाकर 25 हजार कर दी जाएगी.
पिछले कई दशकों से जापान में ऊर्जा की बचत के लिए गर्मियों का समय शुरू करने पर बहस हो रही है लेकिन यह सोचकर इसका फैसला नहीं लिया गया है कि इसका मतलब काम के घंटों में बढ़ोत्तरी होगा. लेकिन अब उसे बिजली की कमी के कारण दिन के उजाले का इस्तेमाल करने को बाध्य होना पड़ा है.
बिजली बचाने के लिए जापान के दफ्तरों में औपचारिक कोट पैंट टाई को छोड़ कैजुअल ड्रेस अपनाई जा रही है. पर्यावरण मंत्रालय ने सुपर कूल बिज अभियान छेड़ा है. जापान के पर्यावरण मंत्री रियू मात्सुमोतो कहते हैं, बिजली की कमी होने के कारण सरकार बिजली की खपत में 15 फीसदी की कटौती करने को कह रही है. "यह सिर्फ इन गर्मियों में बचने की बात नहीं है बल्कि हमारे जीवन के ढर्रे में परिवर्तन के लिए एक मोड़ है."
मंत्रालय के अधिकारियों ने हाफ स्लीव शर्ट या हवाई स्टायल की शर्टों में दफ्तर आना शुरू कर दिया है. ब्लू जींस, स्नीकर और टीशर्ट पर भी कोई रोक नहीं है. इस अभियान पर लोगों की प्रतिक्रिया मिश्रित है. कुछ ने इसका समर्थन किया है तो दूसरों का कहना है कि पोशाक कायदे की होनी चाहिए.
टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी को उम्मीद है कि गर्मियों में पूर्वी जापान में साढ़े पांच करोड़ किलोवाट बिजली की जरूरत होगी. गर्मियों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और बिजली की खपत काफी बढ़ जाती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल