टेपको को सरकार की पचास खरब येन की मदद
१३ मई २०११फुकुशिमा परमाणु संयंत्र चलाने वाली कंपनी टेपको की सरकार से आर्थिक मदद की मांग मंजूर कर ली गई है. सरकार ने कहा है कि टेपको की मदद के लिए एक फंड स्थापित किया जाएगा. टेपको को मुआवजे के तौर पर अरबों डॉलर चुकाने हैं, ऐसा करने से कंपनी दिवालिया हो सकती है. ऐसी स्थिति न आये, इसलिए सरकार ने यह कदम लेने का फैसला किया है. टेपको को सरकार को सालाना किस्त चुकानी होगी.
सरकार ने फंड के बारे में अधिक जानकारी देने से फिलहाल इनकार कर दिया है, पर इतना बताया है कि इस फंड के द्वारा सरकार पचास खरब येन यानी 62 अरब डॉलर की मदद की योजना बना रही है. इसके चलते 13 साल तक टेपको को हर साल 200 अरब येन चुकाने होंगे.
जापान के वाणिज्य मंत्री बानरी कैएदा ने बताया, "यह टेपको के लिए राहत पैकेज नहीं है, बल्कि हमने इस तरह की रूप रेखा तैयार की है, जिसके तहत लोगों को मुआवजा जल्द से जल्द मिल सके और साथ ही टेपको बिना रुकावट के बिजली भी सप्लाई कर सके." उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश रहेगी कि बिजली की कीमतें न बढ़ानी पड़ें.
शेयर होल्डरों में बेचैनी
पिछले कई हफ्तों से इस बात पर बहस चल रही थी कि मुआवजे की रकम कौन चुकाएगा और यह रकम कहां से आएगी. सरकार, बैंक और टेपको के बीच हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद अब यह हल निकला है. इस से टेपको के शेयर होल्डरों को कुछ राहत तो मिली है लेकिन अभी भी कई सवालों के जवाब मिलना बाकी है. जापान में फोकुकू कैपिटल मैनेजमेंट के निदेशक यूकी साकुराई कहते हैं, "शेयर होल्डर की दृष्टि से देखा जाए तो इस घोषणा के बाद से कई बातें अस्पष्ट रह गई हैं. शेयर के सही मूल्य का पता लगाना इस समय बहुत मुश्किल हो गया है, क्योंकि हम यह नहीं जानते हैं कि सरकार परमाणु रिएक्टर के मामले में किस हद तक हस्तक्षेप करेगी."
11 मार्च को जापान में आए भूकंप और सूनामी के कारण फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र में खराबी आई. इसके बाद से परमाणु रिएक्टर से विकिरण की बात सामने आई, जिसके चलते संयंत्र के इर्दगिर्द 40 किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को खाली कराना पड़ा. टेपको को आस पास रह रहे उन सभी लोगों को मुआवजा देना है, जिन्हें विकिरण के कारण अपने घर छोड़ने पड़े हैं.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ईशा भाटिया
संपादन: उभ