टीम से बाहर होने पर भड़के युवराज
२० सितम्बर २०१०युवराज सिंह ने चयनकर्ताओं पर सीधा निशाना साधा और कहा, ''आखिरी दो मैचों में मैंने संतोषजनक प्रदर्शन किया लेकिन फिर रैना ने सेंचुरी मार दी. उन्हें अगले मैच के लिए मौका दिया गया. ये बातें मेरे नियंत्रण में नहीं है." फिटनेस और फॉर्म पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, 'मैं पहले से ज्यादा अच्छा महसूस करने रहा हूं.''
10 साल से अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे युवी अब भी टेस्ट टीम में स्थाई जगह नहीं बना सके हैं. 254 वनडे खेलने वाले इस बल्लेबाज ने अब तक सिर्फ 34 टेस्ट खेले हैं. स्पिनरों के खिलाफ उन्हें असहज बताया जाता है. इन आलोचनाओं के जवाब में युवराज ने कहा, ''चयन मेरे हाथ में नहीं है. श्रीलंका में दो मैचों में मैंने अच्छा खेला. पहले मैंने शतक बनाया और फिर अर्धशतक, अगर यह काफी नहीं है तो मैं क्या करुं.'' श्रीलंका दौरे में युवराज ने अभ्यास मैच में 118 रन बनाए थे. गॉल टेस्ट में उनके बल्ले से 52 रन निकले. दूसरे टेस्ट से पहले वह बीमार पड़ गए. रैना को मौका दिया गया और उन्होंने पहले ही मैच में सेंचुरी ठोक दी.
युवराज चोटों और क्रिकेट करियर को लेकर भी कुछ परेशान दिख रहे हैं. 27 साल के बल्लेबाज ने कहा, ''मैं मायूस हूं. ऐसी मायूसी तो पिछले दो साल मेरे जीवन का हिस्सा है. मुझे कई बार चोट लगी, मैं संघर्ष करता रहा. यह बातें मेरे हाथ में थोड़ी हैं.''
28 साल के युवराज हाल के समय में अपने व्यवहार के चलते भी आलोचकों के निशाने पर रहे हैं. उनका बल्ला खामोश है. लेकिन मैदान के बाहर वह क्रिकेट के अलावा अन्य कारणों से सुर्खियों में रहे हैं. आरोप है कि टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान वेस्ट इंडीज के पब में हुई हरकत में भी वह शामिल थे. अब इन्हीं बातों को उनके प्रदर्शन से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
अंत में मजाकिया अंदाज में युवराज ने कहा, कि ''मैं ऐसे ही टीम से बाहर होता रहा तो पक्का मुझे कुछ और सोचना पड़ेगा.''
रिपोर्ट: पीटीआई/ ओ सिंह
संपादन: आभा एम