तालिबान से अमेरिका बातचीत कर रहा हैः करजई
१८ जून २०११काबुल में एक सम्मेलन में करजई ने कहा, "तालिबान के साथ बातचीत शुरू हो गई है. बातचीत अच्छी चल रही है. विदेशी सेनाएं और खास कर अमेरिकी सेना खुद बातचीत कर रही है." अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व में 10 साल से लड़ाई चल रही है और अब हर तरफ से संकट के राजनीतिक समाधान के लिए दबाव पड़ रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी कह चुकी हैं कि तालिबान सदस्य खुद को अल कायदा से अलग करें, हिंसा छोड़ें और संविधान को स्वीकार करें ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके. काबुल में अमेरिकी दूतावास ने करजई के ताजा बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. अफगानिस्तान में मौजूद पश्चिमी अधिकारी कहते हैं कि तालिबान से संपर्क कायम करने का काम बहुत ही शुरुआती दौर में है और तालिबान नेतृत्व से वार्ता के माध्यम तलाशने की कोशिश हो रही है.
करजई ने कहा है कि मौजूदा साल उनके देश के लिए बहुत अहम है. उनका कहना है कि जो फैसले इस साल किए जाएंगे, उसी से आने वाले दशकों का बनना या बिगड़ना तय होगा. इसी साल अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी शुरू होनी है और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी चरणबद्ध तरीके से अफगान सुरक्षा बलों को मिलनी है. इसके अलावा तालिबान से बातचीत, अमेरिका के साथ रणनीतिक साझीदारी पर हस्ताक्षर और फिर दिसंबर में जर्मनी के बॉन शहर में अफगान सम्मेलन इस साल के महत्वपूर्ण घटनाक्रम होंगे.
अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च अफगान अमन परिषद के सदस्यों के साथ उनका हालिया पाकिस्तान दौरा बहुत अहम था. वह बताते हैं, "बातचीत बहुत ही भाईचारे वाले और दोस्ताना माहौल में हुई." उन्होंने उम्मीद जताई कि तालिबान उग्रवादियों से शांति समझौते में पाकिस्तान अपनी भूमिका अदा करेगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़