तुर्की का सीरिया पर हमला
४ अक्टूबर २०१२सीरिया के तेल अबियाद में यह हमला हुआ है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि इस हमले में कई सीरियाई सैनिक मारे गए हैं. तुर्की की सरकार ने कहा कि उसकी सीमा में सीरियाई सेना की आक्रामक कार्रवाई से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है और उसने तुर्की की सीमा से बाहर सेना की तैनाती करने के लिए संसद से अनुमति मांगी है.
तुर्की के प्रधानमंत्री रिचप तैयब एर्दोआन के वरिष्ठ सलाहकार इब्राहिम कालिन ने ट्विटर पर कहा, "तुर्की को सीरिया के साथ युद्ध में कोई रुचि नहीं. लेकिन सीरिया अपनी सीमा की सुरक्षा करने में सक्षम है. अगर जरूरत पड़ेगी तो वह जवाबी कार्रवाई भी करेगा. राजनीतिक और कूटनीतिक पहल जारी रहेगी. " सीरिया में मानवाधिकार ऑब्जरवेटरी ने कहा कि तुर्की के हमले में सीरिया के तेल अबियाद में कई सैनिक मारे गए हैं. लेकिन संख्या नहीं बताई है. तुर्की के रक्षा सूत्र के हवाले से रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने लिखा है, "उनके कितने लोग मारे गए हमें नहीं पता."
इधर नाटो ने कहा है कि वह तुर्की के साथ है. इसके साथ ही नाटो ने सीरिया से अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बंद करने को भी कहा है. अमेरिकी नेतृत्व वाले पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो ने ब्रसेल्स में आपात बैठक की. उधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तुर्की ने मांग की है कि सीरियाई आक्रामता को रोकने के लिए वह जरूरी कार्रवाई करे. संयुक्त राष्ट्र में तुर्की के राजदूत एर्तुग्रुल अपाकान ने यूएन को भेजे पत्र में मोर्टार बम हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का उल्लंघन बताया है.
संयुक्त राष्ट्रीय के राजनयिकों ने उम्मीद जताई है कि सुरक्षा परिषद के सदस्य गैर बाध्यकारी बयान जारी करेंगे और इसमें मोर्टार हमले की निंदा की जाएगी साथ ही तुर्की की संप्रभुता का उल्लंघन समाप्त करने की मांग करेंगे.
सदस्यों ने बुधवार को ही इसके जारी होने की उम्मीद जताई थी लेकिन रूस ने इसमें देरी की मांग की है. अब रूस ने गुरुवार को सीरिया से अनुरोध किया है कि वह तुर्की सीमा में हमले को एक गलती बताए.
आक्रामक कार्रवाई
तुर्की की संसद में गुरुवार को एक प्रस्ताव पर मतदान होना है. इसमें विदेशी सैन्य कार्रवाई को पांच साल बढ़ाने पर चर्चा होगी. इस समझौते को मूल रुप से उत्तरी इराक में कुर्द उग्रवादियों पर हमले के लिए किया जाना था.
अब प्रधानमंत्री एर्दोआन ने जिस समझौते पर हस्ताक्षर कर संसद को भेजा है उसमें लिखा है कि कई चेतावनियों और कूटनीतिक पहल के बावजूद सीरिया की सेना ने तुर्की की सीमा में आक्रामक कार्रवाई की है जो कि "अतिरिक्त खतरा" है. "यह स्थिति हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा बनने की हालत में पहुंच गई है. इस समय ऐसी जरूरत बन गई है कि तुरंत और तेज कार्रवाई की जाए."
यह साफ नहीं हो सका है कि तुर्की में मोर्टार हमला किसने किया लेकिन रक्षा सूत्रों के मुताबिक यह तेल अबियाद की ओर से आया. तुर्की ने सीरिया से लगी सीमा पर सैनिक बढ़ा दिए हैं. "हमारे सैनिकों ने सीमावर्ती इलाके में इस हमले का कानूनी दायरे में रह कर तुरंत जवाब दिया है. रडार की मदद से सीरिया में लक्ष्यों पर वार किया गया है. तुर्की सीरियाई सत्ता की इस तरह की भड़काऊ कार्रवाई का जवाब जरूर देगा."
सीरिया ने कहा है कि वह मोर्टार हमले की जांच कर रहा है और उसने संयम की अपील की है.
अमेरिका, नाटो समर्थन
अक्काकाले के कुछ निवासियों ने अपनी घर छोड़ दिया और सड़कों पर रात बिताई. जबकी दूसरे लोग मेयर के ऑफिस के बाहर इकट्ठा हो गए. उन्हें अपने घर जाने में डर लग रहा था क्योंकि शहर से हमलों की आवाजें आ रही थी. एक दुकानदार ने बताया, "हम 15 दिन से हमारे घरों में सो नहीं पाए हैं. हमें सीमा से दूर अपने रिश्तेदारों के घरों में सोना पड़ रहा है क्योंकि हम यहां बिल्कुल सुरक्षित नहीं है."
वॉशिंगटन तुर्की को सीरिया के विपक्ष का समर्थन करने में एक अहम खिलाड़ी मानता है और वह असद के बाद की स्थिति की योजना बना रहे हैं. बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि वह तुर्की के साथ है. लेकिन अंकारा अंतरराष्ट्रीय मतभेद के कारण खुद को अकेला महसूस कर रहा है. वैसे तो एर्दोआन असद के संबंध कई साल अच्छे थे लेकिन सीरिया में विद्रोह के बाद वह सीरिया के कड़े आलोचक हो गए हो गए हैं. एर्दोआन आरोप लगाते हैं कि असद सीरिया को आतंकियों का देश बना रहे हैं. वहीं सीरिया ने तुर्की सहित अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब और कतर पर आरोप लगाया है कि वह सीरिया के विपक्ष को धन और हथियार दे रहे हैं.
एएम/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)