तुर्की में सीरियाई शरणार्थियों की बाढ़
११ जून २०११दक्षिणी तुर्की में शिविरों में रह रहे ज्यादातर लोग जिस्र अल सुगुर शहर से भागे हैं जो तुर्की की सीमा से लगभग 40 किलोमीटर दूर है. यह शहर हाल के दिनों में सीरिया के सुरक्षा बलों के खास निशाने पर रहा है. शुक्रवार को सीरिया टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा बलों को इस शहर में कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वहां हथियारबंद गुटों ने अत्याचार किए हैं.
नए शिविरों की तैयारी
सीमा पार करने वाले सीरियाई लोगों को तुर्की की पुलिस या तो अस्पताल या फिर हाते प्रांत में यायलादागी गांव में बने तीन अस्थायी शिविरों में ले जा रही है. तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी एनातोलियन का कहना है कि अब तक 60 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तुर्क रेड क्रेसेंट ने यायलादागी में और शिविर बनाने का काम शुरू कर दिया है ताकि अगले दिनों में आने वाले लोगों को रखा जा सके.
तुर्क विदेश मंत्रालय के अधिकारी हालित चेविक ने अनुमान लगाने से इनकार किया है कि कितने लोग और सीरिया से तुर्की आ सकते हैं. शरणार्थी शिविरों का दौरा करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, "तुर्की सीरियाई शरणार्थियों का स्वागत करने के लिए हर कदम उठा रहा है."
कार्रवाई की तैयारी
सीरिया टैंकों ने उत्तरी शहर जिस्र अल सुगुर तक जाने वाले रास्तों को सील कर दिया है. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी कह रहे हैं कि सरकार तुर्क सीमा के नजदीक स्थित इस शहर में बड़े हमले की तैयारी कर रही है. पिछले दिनों सीरियाई सरकार ने दावा कि इस शहर में हथियारबंद गुटों ने 120 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया जिसके जवाब में यह कार्रवाई हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये मौंते सुरक्षा बलों के भीतर बगावत का नतीजा है. सरकार विरोधियों का कहना है कि जुमे की नमाज के बाद सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 36 आम लोग मारे गए. मानवाधिकार समूहों का कहना है कि सीरिया में सरकार विरोधी मुहिम में अब तक 1,300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के निजी दोस्त तुर्की के प्रधानमंत्री रचैप तैयप एर्दोवान ने शुक्रवार को कहा कि सीरियाई सैनिक मानवीय तरीके से व्यवहार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने जिस्र अल सुगुर में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई को अस्वीकार्य बताया. सीरिया में महीनों से राष्ट्रपति असद की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं जिन्हें दबाने के लिए सुरक्षाबल हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार