दिल्ली से मुंबई तक लोकपाल की गूंज
२७ दिसम्बर २०११मुंबई में अनशन पर बैठने के साथ ही समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों से कह दिया कि इस बार वे आर पार की लड़ाई के लिए तैयार रहें. तीन दिनों के अनशन के बाद अन्ना का जेल भरो आंदोलन चलाने का इरादा है और सरकार पर इस कदर दबाव बनाने की इच्छा है कि वह अपने बिल को वापस लेकर दूसरा बिल लाने को तैयार हो जाए.
हालांकि दिल्ली में पिछले आंदोलनों की तुलना में मुंबई में कम भीड़ दिखी. अन्ना ने कहा, "हमको तय करना है, आर या पार. हम जेल भरने के लिए भी तैयार हैं." उन्हें वायरल बुखार है, फिर भी वह अनशन स्थल पर पहुंचे. इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. उन्होंने कहा, "पांच राज्यों में चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है. आपको और हमको तय करना है कि क्या यह धोखाधड़ी चलती रहेगी. मैं उन पांच राज्यों में सरकार के खिलाफ संघर्ष करूंगा." उन्होंने एक बार फिर संसद की मर्यादा की बात की और कहा कि संसद में बैठने वाले 150 सांसद अपराधी है, जिन्हें वहां होने का हक नहीं है.
हालांकि उनके अनशन स्थल पर पहुंचने से पहले अच्छा खासा ड्रामा भी हुआ और जुहू के पास कुछ लोगों ने "अन्ना हजारे मुर्दाबाद" का नारा लगाया. उन्होंने काले झंडे दिखाए और कहा कि हजारे पूरे देश को बंधक नहीं बना सकते हैं. लेकिन अन्ना अपने आंदोलन को स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई बता रहे हैं और उनका कहना है, "आपको लोकपाल बिल नहीं मिलेगा. आपको लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा. पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. ढाई साल में आम चुनाव होने हैं. मैं सरकार के खिलाफ आंदोलन करूंगा और लोगों को बताऊंगा कि सरकार कैसे उनके साथ धोखाधड़ी करती है."
हजारे ने पहले दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में अनशन करने का फैसला किया था लेकिन खराब मौसम की वजह से बाद में उन्होंने इरादा बदल दिया. हालांकि दिल्ली में भी उनकी टीम के शांति भूषण ने लोगों को संबोधित किया. उनके बेटे प्रशांत भूषण ने कहा कि भीषण सर्दी की वजह से कम लोग आ पाए हैं.
उधर, आम तौर पर साल के इन आखिरी दिनों में परिवार के साथ रहने वाले सांसदों को काम करने के लिए लोकसभा पहुंचना पड़ा. कांग्रेस ने लोकपाल विधेयक पर चर्चा के लिए सांसदों को पहले ही व्हिप जारी कर दिया था. टोका टाकी और लालू यादव के चुटकुलों के साथ संसद की कार्यवाही शुरू हुई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर सीबीआई को लोकपाल के दायरे में न लाने की सफाई दी और कहा, "मैं समझता हूं कि सीबीआई को लोकपाल से स्वतंत्र रहना चाहिए. मैं यह भी समझता हूं कि इसे सरकार से भी स्वतंत्र रहना चाहिए. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसकी कोई जवाबदेही न हो." टीम अन्ना चाहती है कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाया जाए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर मसला है और इस पर संसद के अंदर ही आखिरी फैसला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि सभी राजनेता भ्रष्ट और बेईमान हैं.
लोकपाल विधेयक की वजह से संसद का शीतकालीन सत्र तीन दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है. जिन तीन दिनों तक दिल्ली में संसद का यह सत्र चलेगा, उन्हीं तीन दिनों तक मुंबई में अन्ना हजारे का अनशन चलेगा. हो सकता है कि संसद के निचले सदन लोकसभा में यह विधेयक पास हो जाए लेकिन अन्ना इसके बावजूद जेल भरो आंदोलन और सोनिया गांधी के घर के बाहर धरना प्रदर्शन के लिए कमर कस चुके हैं.
रिपोर्टः पीटीआई, रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः महेश झा