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दुनिया की ताकतवर महिलाओं में तीन भारत से

८ अक्टूबर २०१०

आईसीआईसीआई बैंक की चीफ चंदा कोचर, एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा, पेप्सीको की सीईओ इंदिरा नूई दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं की फेहरिश्त में शामिल भारतीय नाम हैं. सोनिया गांधी का कहीं जिक्र नहीं.

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तस्वीर: picture alliance / abaca

फोर्ब्स बिजनेस पत्रिका की इस फेहरिस्त में अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा पहले नंबर पर हैं यानी दुनिया की सबसे ताकतवर महिला. भारतीय महिलाओं में सबसे ऊंचा स्थान इंदिरा नूई का है जो इस लिस्ट में छठे नंबर पर हैं. शिखा शर्मा को 89वां और चंदा कोचर को 92वां स्थान मिला है. पिछले साल फोर्ब्स की इस लिस्ट में सोनिया गांधी 13 नंबर पर थीं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस बार उनका नाम लिस्ट में नहीं है.

Indien Kongresspartei Vorsitzende Sonia Gandhi
लिस्ट में सोनिया गांधी का नाम नहींतस्वीर: UNI

इस साल फोर्ब्स ने लिस्ट बनाने का तरीका बदल दिया है. ताकतवर महिलाओं की सूची के लिए चुने गए 100 नामों को सबसे पहले राजनीति, कारोबार, मीडिया और लाइफस्टाइल नाम के चार ग्रुपों में बांट दिया गया. इसके बाद इन सारे ग्रुपों को एक दूसरे के सामने रखकर अंतिम लिस्ट बनाई गई. यही वजह है कि कई महत्वपूर्ण नाम इस सूची में आने से रह गए हैं.

नूई, शर्मा और कोचर इन तीनों की कारोबार के लिस्ट में रैंकिंग अलग है. कारोबारी लिस्ट में नूई दूसरे नंबर पर हैं उनसे ऊपर बस एक ही नाम हैं क्राफ्ट फूड्स की सीईओ इरेने रोजेनफील्ड का. कारोबार की दुनिया से चुनी गई 39 महिलाओं में शिखा शर्मा की रैंकिंग 33 है और चंदा कोचर की 35.

पिछले साल करीब 45 करोड़ रूपये का सालाना पैकेज पाने वाली इंदिरा नूई ने पेप्सीको के विज्ञापन बजट में से करीब 90 करोड़ रुपये सामाजिक कामों के जरिए प्रचार पर खर्च के लिए निकलवाए. फोर्ब्स का कहना है कि पेप्सीको के पेप्सी रिफ्रेश अभियान के लिए अमेरिका में हर महीने करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये खर्च किए गए. इस अभियान के जरिए मेक्सिको में तेल रिसाव से प्रभावित होने वाले जानवरों के लिए घर बनाने वालों को पैसा दिया जाता है. इसके अलावा इलाके के लोगों को नौकरी के लिए ट्रेनिंग, मानसिक रोग चिकित्सा पर भी खर्च किया गया.

फोर्ब्स ने शिखा शर्मा के लिए लिखा है कि भारत के तीसरे सबसे बड़े निजी बैंक की सीईओ के रूप में पहला साल बेहद चुनौती भरा रहा शर्मा को अपनी नियुक्ति सही साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उ भट्टाचार्य

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