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दुनिया भर में बचत से जाती नौकरियां

३० अप्रैल २०१२

अंतरराष्ट्रीय मजदूर संगठन आईएलओ ने चेतावनी दी है कि बचत के कारण दुनिया भर में नौकरियां तेजी से कम हो रही हैं. 2012 में दुनिया में 20 करोड़ और लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

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स्पेन में बेरोजगारी से परेशान लोगतस्वीर: AP

आईएलओ की वर्ल्ड ऑफ वर्क रिपोर्ट 2012 में कहा गया है कि वित्तीय कटौती, लेबर मार्केट में सुधारों का रोजगार पर बहुत बुरा असर पड़ा है. आईएलओ ने चेतावनी दी है कि इस तरह की स्थिति से देशों में अस्थिरता पैदा हो सकती है. संगठन ने नौकरियां बढ़ाते हुए खर्चों में कटौती की सलाद दी है.

आईएलओ में इंटरनेशनल लेबर स्टडीज इंस्टीट्यूट के निदेशक रेमंड टोरेस कहते हैं, कटौती और नियमों से ज्यादा विकास की उम्मीद थी जो कि नहीं हो रहा है. विश्वास बढ़ाने और बजट घाटा घटाने के उद्देश्य से की गई कटौती की नीति प्रतिकूल रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक 2008 से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संकट के कारण कम से कम 5 करोड़ नौकरियां गायब हो गई हैं. 2012 में बेरोजगारी की दर 6.1 होने की बात इस रिपोर्ट में है. यानी इस साल कम से कम 20 करोड़ 20 लाख बेरोजगार होंगे. यह संख्या पिछले साल (2011) की तुलना में तीन प्रतिशत ज्यादा है. आशंका है कि 2013 में यह आंकड़ा बढ़ कर 6.2 फीसदी हो जाएगा यानी 20 करोड़ पर और पचास लाख बेरोजगार हो जाएंगे.

EU Gipfel in Brüssel 01.03.2012
यूरोपीय देशों में सबसे ज्यादा परेशानीतस्वीर: dapd

संभावना नहीं है कि अगले दो साल में विश्व की अर्थव्यवस्था इतनी तेजी से बढ़ेगी कि अभी की नौकरियां बनी रहें, रोजगार घाटा कम हो और रोजगार के लिए आने वाले संभावित आठ करोड़ लोगों को नौकरी भी मिल सके.

रिपोर्ट में यूरोप की स्थिति पर विशेष चिंता जताई गई है जहां 2010 से हर तीसरा देश बेरोजगारी से परेशान है. जबकि जापान और अमेरिका में मार्केट बेहतरी पर है.

अंतरराष्ट्रीय लेबर संगठन की रिपोर्ट कहती है कि पढ़े लिखे लोग चीन जैसे देशों में रोजगार से वंचित हैं जबकि अरब देशों और अफ्रीका में नौकरियों की बहुत कमी है.

टोरेस कहते हैं कि स्पेन में 2010 से 2011 के बीच बजट घाटा बहुत ही कम घटाया गया जबकि तेज कटौती के लिए इससे कहीं ज्यादा की जरूरत थी. कई यूरो जोन के देशों का फोकस बहुत संकरा है. और इस कारण नौकरियां संकट में पड़ रही हैं. इससे और एक मंदी का दौर आ सकता है.

वहीं लैटिन अमेरिका में नौकरी की स्थिति की टोरेस तारीफ करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छी नौकरियों के कारण लैटिन अमेरिका में सामाजिक अस्थिरता कम हुई है. जबकि दुनिया के बाकी हिस्सों में बढ़ी है. टोरेस कहते हैं, "इसमें कोई आश्चर्य भी नहीं है कि अच्छी नौकरियां कम हों और आय में असमानता बढ़े. यह भावना लगातार बढ़ रही है कि संकट से परेशान लोगों का नीतियों में कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा."

Brüssel Gewerkschaften Demonstration für Arbeit soziale Gerechtigkeit
अस्थिरता की आशंकातस्वीर: AP

आईएलओ ने बचत नीति की आलोचना करते हुए कहा है कि इसके कारण छोटे उद्योगों लोन मिलने की संभावना कम हो गई है. उन्होंने सरकार से अपील की है कि छोटी कंपनियों को कर्ज दिया जाए, रोजगार बाजार की सुरक्षा बढ़ाई जाई और युवा कर्मचारियों और अन्य संवेदनशील युवाओं को मदद करने की कोशिश की जाए.

जेनेवा में रिपोर्ट जारी करते हुए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी आईएलओ ने चेतावनी दी है कि वक्त रहते ध्यान नहीं देने से विकासशील देशों पर भी इसका असर पड़ सकता है.

आईएलओ ने कहा कि अगले 12 महीने में सार्वजनिक खर्चों में सिर्फ एक प्रतिशत कटौती से करीब 21 लाख नौकरियां खड़ी की जा सकती है. अगर ऐसा नहीं हो सका तो सिर्फ आठ लाख नौकरियां पैदा होंगी जबकि दुनिया भर में सवा चार करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार होंगे.

एएम / एनआर (एएफपी, डीपीए)

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