द्रविड़ का शतक, लेकिन इंगलैंड मजबूत
२४ जुलाई २०११15 साल पहले 1996 में अपने पहले टेस्ट मैच में शतक बनाने की द्रविड़ की कोशिश नाकाम रही थी और वे 95 के स्कोर पर आउट हो गए थे. 15 साल बाद शनिवार को लॉर्ड्स के मैदान पर 103 नाबाद रन बनाकर द्रविड़ ने अपना सपना पूरा किया. 154 टेस्ट मैचों में 38 वर्षीय द्रविड़ का 33वां शतक भारत को फॉलोऑन से बचाने के लिए महत्वपूर्ण था.
तीसरे दिन का खेल समाप्त होने पर इंगलैंड ने अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट खोए पांच रन बनाए. इससे पहले उन्होंने भारत को 287 के स्कोर पर आउट कर दिया. पहली पारी में इंगलैंड ने 8 विकेट पर 474 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी.
शनिवार को सबकी निगाहें सचिन तेंदुलकर पर थीं जिनसे लॉर्ड्स के मैदान पर 100वां शतक बनाने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन लिटल मास्टर 34 रन बनाकर स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर उट हो गए. 77 रनों पर भारत के दो विकेट गिरने के बाद सचिन क्रीज पर आए. जब वे मैदान पर आ रहे थे तो 28,500 दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाते हुए उनका स्वागत किया. माना जा रहा है कि लॉर्ड्स के मैदान पर सचिन का यह अंतिम टेस्ट मैच होगा.
द्रविड़ के शतक ने भारतीय फैंस की उम्मीदों की थोड़ी भरपाई की. पिछले समय में द्रविड़ अच्छे फॉर्म में नहीं थे और दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर उन्होंने 6 टेस्ट पारियों में सिर्फ 120 रन बनाए थे. "ऐसी परिस्थितियां रही हैं जब मैंने अपने ऊपर संदेह किया है लेकिन एक पेशेवर खिलाड़ी के लिए यह सामान्य बात है जब आप मुश्किल समय से गुजरते हैं." द्रविड़ ने कहा, "आपको बस जो कर रहे हैं उसका आनंद लेते रहिए और बेहतर करने का प्रयास जारी रखिए."
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन