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लॉर्ड्स में पीटरसन का जलवा, इंग्लैंड मजबूत

२३ जुलाई २०११

लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में केविन पीटरसन के बेहतरीन दोहरे शतक की बदौलत इंग्लैंड ने पहली पारी 474 रन पर घोषित की. इंग्लैंड ने अपनी पारी में आठ विकेट खोए. जवाब में भारत ने बिना कोई विकेट खोए 17 रन बनाए.

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तस्वीर: AP

इंग्लैंड की पारी में केविन पीटरसन का ही जलवा रहा और भारतीय गेंदबाजों के लिए उनका विकेट उखाड़ पाना टेढ़ी खीर साबित हुआ. पीटरसन ने 202 रन की पारी के लिए 326 गेंदों का सामना किया, 21 चौके और एक छक्का लगाया. इंग्लैंड के लिए मैट प्रायर और जोनाथन ट्रॉट ने अर्धशतकीय पारी खेली. प्रायर ने 71 रन जड़े जबकि ट्रॉट की गाड़ी 70 रन पर जाकर बंद हुई.

पीटरसन की पारी की बदौलत इंग्लैंड पहले टेस्ट में मजबूत स्थिति में पहुंचता नजर आ रहा है. अब भारत पर दबाव है कि फॉलोआन का सामना किए बिना इंग्लैंड को करारा जवाब दे. भारत के लिए प्रवीण कुमार ने बढ़िया गेंदबाजी करते हुए पहली बार अपने करियर में पांच विकेट झटके. जहीर खान ने दो विकेट और सुरेश रैना ने एक विकेट लिया.

Praveen Kumar Flash-Galerie
तस्वीर: AP

31 साल के पीटरसन हाल के दिनों में अपनी फॉर्म से बाहर थे और उन पारियों को नहीं खेल पाए जिनके लिए उन्हें जाना जाता है. लेकिन लॉर्ड्स के ऐतिहासिक टेस्ट में मानो उन्होंने अपने अरमान पूरे करने की ठानी हुई थी. पीटरसन ने 18वां टेस्ट शतक जड़ा और फिर अपना तीसरा दोहरा शतक पूरा किया. उनकी डबल सेंचुरी पूरी होते ही इंग्लैंड ने अपनी पारी आठ विकेट के नुकसान पर 474 रन पर घोषित कर दी. इंग्लैंड की पारी को संवारने में पीटरसन का साथ जोनाथन ट्रॉट (70 रन), मैट प्रायर (71 रन) और इयान बेल ने 45 रन बनाकर दिया.

इंग्लैंड की पारी घोषित होने के बाद खेले गए छह ओवरों में भारत ने बिना किसी नुकसान के 17 रन बनाए. भारत के लिए संतोष की बात प्रवीण कुमार की बढ़िया गेंदबाजी रही जिन्होंने अपने करियर में पहली बार पांच विकेट लिए. जहीर खान की मांसपेशियों में खिंचाव के चलते वह गेंदबाजी नहीं कर पाए जिसके चलते जिम्मेदारी प्रवीण कुमार पर आई. प्रवीण ने इसे बखूबी निभाया. हालांकि हरभजन सिंह और ईशांत शर्मा बेअसर साबित हुए और पीटरसन ने जमकर उनकी गेंदों की ठुकाई की.

वैसे महेंद्र सिंह धोनी ने खुद गेंदबाजी करते हुए सबको हैरान कर दिया. द्रविड़ को विकेटकीपर के दस्ताने थमाकर धोनी ने ओवर करना शुरू कर दिया. धोनी मध्यम गति से गेंदें फेंकी. आठ ओवरों तक धोनी ने गेंदबाजी की और एक बार तो पीटरसन को आउट भी कर दिया. लेकिन पीटरसन ने अंपायर के फैसले की समीक्षा की अपील की जिससे उन्हें जीवनदान मिल गया. बाद में पीटरसन की पारी भारत के लिए महंगी साबित हुई.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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