1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नए पाक पीएम की भी कोर्ट से ठनी

२५ जुलाई २०१२

पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से साफ कह दिया है कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के पुराने मामले नहीं खोलेगी. प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ भी उसी राह पर चल रहे हैं जिस रास्ते पर यूसुफ रजा गिलानी नप गए.

https://p.dw.com/p/15eKD
तस्वीर: Reuters

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने भी स्विस अधिकारियों को खत लिखने से इनकार कर दिया है. चिट्ठी में स्विट्जरलैंड से राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ जांच में सहयोग की दरख्वास्त की जानी थी. लेकिन जरदारी की पार्टी के नेता राजा परवेज अशरफ ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने दी.

उनके मुताबिक राष्ट्रपति होने के नाते जरदारी को अभियोग से मुक्ति मिली है. लिहाजा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मुकदमे दर्ज हैं. इससे पहले यूसुफ रजा गिलानी ने भी सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश को मानने से इनकार कर दिया था. सर्वोच्च अदालत ने गिलानी को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया और पद के लिए अयोग्य ठहरा दिया. कोर्ट के सख्त रुख की वजह से गिलानी को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा.

Pakistan Asif Ali Zardari
विवाद के केंद्र में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारीतस्वीर: AP

गिलानी के इस्तीफे के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने मकदूम शहाबुद्दीन को प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी की. अदालत ने शहाबुद्दीन के खिलाफ दवा घोटाले का पुराना मामला खोला और वारंट जारी कर दिया. इसकी वजह से शहाबुद्दीन प्रधानमंत्री नहीं बन सके. राजनीतिक संकट की स्थिति में पीपीपी ने राजा परवेज अशरफ को प्रधानमंत्री बनाया.

अब राजा के इनकार के बाद पहले जैसी स्थिति बन गई है. अदालत में अपना पक्ष रखने के बाद अब सरकार को आठ अगस्त का इंतजार है. जज आसिफ सईद खोसा की बेंच को अगली सुनवाई में तय करना है कि कोर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट है या नहीं. वैसे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी यह कह चुके हैं संविधान राष्ट्रपति को माफी तो देता है लेकिन कानून का दुरुपयोग करने की छूट नहीं देता.

ओएसजे/एमजे (एपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें