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नाइजीरिया में दो दिन के अंदर 500 की मौत

२५ अप्रैल २०११

नाइजीरिया के मानवाधिकार संगठन ने कहा है कि देश के उत्तरी हिस्से में चुनाव के बाद हुई हिंसा में 500 लोग मारे गए हैं. संगठन ने प्रांतीय चुनावों के दौरान और हिंसा होने की आशंका जताई. उत्तरी नाइजीरिया मुस्लिम बहुल इलाका है.

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नाइजीरिया में दंगेतस्वीर: picture-alliance/dpa

16 अप्रैल को हुए चुनावों में दक्षिणी नाइजीरिया के ईसाई राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन विजेता घोषित किए गए. इसके बाद उत्तरी नाइजीरिया में युवाओं ने शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू किए. जोनाथन ने चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवार और उत्तरी नाइजीरिया के मुहम्मदू बुहारी को हराया.

पर्यवेक्षकों और कई नाइजीरियाई लोगों का कहना है कि यह चुनाव अफ्रीका के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले नाइजीरिया में सफल और निष्पक्ष रहे. विश्व के नेताओं ने जोनाथन को जीत पर बधाई भेजी लेकिन बुहारी ने कहा कि मतगणना में धांधली की गई. बुहारी से समर्थकों ने इस नतीजे को मानने से इनकार कर दिया.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

नाइजीरिया की नागरिक अधिकार कांग्रेस (सीआरसी) ने खुलासा किया है कि सोमवार और मंगलवार को तीन शहरों में हुई हिंसा में 500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. कादूना राज्य के जोंकावा, कफांचन और जांगोन कटाफ में यह हिंसा हुई. सीआरसी के अध्यक्ष शेहू सानी ने बताया, "पीड़ितों को घेरा गया, लूटा गया और फिर काट दिया गया. उनके घर जला दिए गए. दंगों में चर्च, मस्जिदों, घरों और दुकानों को आग लगा दी गई." हालांकि सेना ने कर्फ्यू की घोषणा की इसलिए बड़े शहरों में एक दिन दो दिन में हालात नियंत्रण में लाए जा सके. छोटे शहरों में सेना को पहुंचने में ज्यादा समय लगा.

सानी ने बताया कि सीआरसी ने जोंकावा में 316, जांगोन काटाफ में 147 और काफांचन में 83 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है.

रेड क्रॉस अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ के आंकड़ें बताते हैं कि कुछ बड़े शहरों में 130 लोग मारे गए हैं. लेकिन सीआरसी की रिपोर्ट में दूसरे शहरों का जिक्र है. हिंसा के कारण करीब 40 हजार लोग बेघर हो गए हैं.

प्रांतीय चुनाव

नाइजीरिया में कम से कम ढाई सौ नस्लों के लोग रहते हैं. इनमें से अधिकतर एक दूसरे के साथ शांति से रहते हैं. देश का उत्तरी हिस्सा मुस्लिम बहुल है और दक्षिणी ईसाई बहुल. दोनों ही हिस्सों में कई अल्पसंख्यक भी हैं.

जोनाथन और बुहारी दोनों ने ही हिंसा की निंदा की है लेकिन गवर्नर चुनावों के लिए पूरे जोर शोर से प्रचार भी किया. मंगलवार को नाइजीरिया के कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. सत्ताधारी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी और बुहारी की कांग्रेस फॉर प्रोग्रेसिव चेंज सीपीसी के बीच कांटे की टक्कर है.

खराब सुरक्षा स्थिति के कारण कादूना और बाउची राज्यों में चुनाव दो दिन आगे बढ़ा दिए गए हैं. सीपीसी मुस्लिम पार्टी और पीडीपी ईसाई पार्टी के तौर पर देखी जा रही है. चुनाव में चाहे जो हो, मुश्किल तो होगी ही.

सीपीसी राष्ट्रपति चुनावों को अदालत में चुनौती देने की योजना बना रही है. सीपीसी का आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी और चुनाव आयोग ने मिल कर मतगणना केंद्रो के कंप्यूटरों में गड़बड़ी की और बुहारी को जीतने नहीं दिया. 16 अप्रैल को हुए चुनावों के नतीजे में राष्ट्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक जोनाथन को 2 करोड़ 20 लाख मत मिले और बुहारी को एक करोड़ 20 लाख.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एमजी

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