नाटो हमले में सात अफगान महिलाएं मरीं
१६ सितम्बर २०१२लागमान प्रांत के डिप्टी गवर्नर ने महिलाओं की मौत के बारे में जानकारी देते हुए बताया, "यह हादसा प्रांत के अलींगार जिले में तड़के हुआ. ये महिलाएं वहां लकड़ी बीनने जा रही थीं."
नाटो के प्रवक्ता ने भी इस बात को माना है कि उनके हमले में नागरिकों की मौत हुई है. प्रवक्ता हागेन मेसर का कहना है, "हमें इस बात की जानकारी दी गई है कि चरमपंथियों पर हमने जो हमला किया था, उसमें पांच से आठ नागरिकों की मौत हो गई है. लेकिन हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं." उन्होंने बताया कि हमले में 45 चरमपंथी मारे गए हैं. इस बात की जांच की जा रही है.
उधर, तालिबान का दावा है कि नाटो के हमले में 20 नागरिक मारे गए हैं.
वहीं, दक्षिणी अफगानिस्तान में नाटो के साथ काम कर रहे चार जवान मारे गए. नाटो के एक प्रवक्ता ने बताया कि नजदीकी चौकी से जब तक मदद पहुंच पाती, वहां चार जवानों ने दम तोड़ दिया. इसके साथ ही इस हफ्ते के आखिर में कुल छह जवान मारे गए. अफगान नेशनल पुलिस के लिए काम कर रहा जवान मारे गए छह लोगों में शामिल है. यह घटना जाबोल प्रांत की है. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मारे गए छह लोगों में से चार अमेरिकी हैं.
नाटो के प्रवक्ता मेजर एडम वोजाक का कहना है, "जब तक मदद पहुंची, वहां लड़ाई थम चुकी थी." इस घटना से एक ही दिन पहले एक अफगान पुलिसवाले ने हेलमंद प्रांत में दो ब्रिटिश जवानों को मार डाला था. इन घटनाओं के सामने आने के बाद नाटो का दावा है कि कम से कम 51 विदेशी सैनिकों की मौत अंदरूनी हमले में हुई है. इसके बाद अफगानिस्तान और विदेशी जवानों के बीच भरोसा भी बहुत कम हुआ है.
इसके बाद अफगानिस्तान की पुलिस और सेना के लिए नई ट्रेनिंग भी रोक दी गई है. अमेरिका और उसके सहयोगी देश करीब 11 साल से अफगानिस्तान की धरती पर जमा हैं और अब वह धीरे धीरे वापस जाने की भी योजना बना रहे हैं. लेकिन इतने समय साथ रहते हुए भी उनकी सांस्कृतिक दूरी नहीं पट पाई है.
एजेए/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)