नारंग ने दिलाया भारत को पदक
३० जुलाई २०१२10 मीटर एयर राइफल के वर्ल्ड रिकॉर्डधारी नारंग ने पहले चक्र में सबसे अच्छा निशाना नहीं लगाया और वहीं से सोने की उम्मीद धुंधली पड़ गई. इससे पहले पिछली बार के स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने बेहद खराब प्रदर्शन करते हुए 16वां स्थान हासिल किया और वह पहले चक्र में ही बाहर हो गए.
रोमानिया के अलिन गियोर्ग मोलदेवेन्यू को इस प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक मिला, जबकि इटली के निकोलो कंपरियानी के हाथ रजत लगा. पहले दौर में दूसरे नंबर पर रहने वाले मोलदेवेन्यू ने 702.1 अंक बटोरे, जबकि कंपरियानी को 701.5 अंक ही मिल पाए. नारंग को कुल मिला कर 701.1 अंक मिले और उन्हें तीसरे नंबर से ही संतोष करना पड़ा.
रोमानिया के मोलदेवेन्यू को विश्व वरीयता में सिर्फ 34वां स्थान प्राप्त है और वह बीजिंग ओलंपिक में चौथे नंबर पर ही थे. लेकिन यहां अचूक निशाना लगाते हुए उन्होंने पहले चक्र में 599 अंक बटोरे और ओलंपिक रिकॉर्ड की बराबरी की. इटली के कंपरियानी वर्ल्ड चैंपियन हैं और उनके सोना जीतने की बड़ी उम्मीद थी. वह 50 मीटर राइफल में भी विश्व चैंपियन हैं, जिसमें गगन नारंग को भी भिड़ना है. यह मुकाबला तीन अगस्त को होना है.
पहले चक्र में कंपरियानी ने सधी हुई राइफल चलाई और 599 अंकों पर निशाना लगा कर पहला स्थान हासिल किया था. लंदन के रॉयल आर्टिलरी बैरक में हुई प्रतियोगिता में मोलदेवेन्यू ने भी 599 अंक बटोरे. नारंग ने 598 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया था और फाइनल में भी वह तीसरे स्थान पर ही रहे. इससे पहले बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले भारत के अभिनव बिंद्रा सिर्फ 594 अंक हासिल कर पाए और 16वें नंबर पर रहे.
फाइनल राउंड में बिलकुल शांत दिख रहे रोमानिया के मोलदेवेन्यू ने आखिरी समय तक इंतजार करने के बाद शूट किया. अधिकतम 10.9 अंकों में उन्हें 10.3 मिले और उनका सोना पक्का हो गया. सिर मुंडा कर राइफल चला रहे मोलदेवेन्यू ने हर बार फायर करने के लिए सबसे ज्यादा समय लिया और ज्यादातर बार उन्हें कामयाबी मिली.
गगन नारंग को मौजूदा समय का शानदार शूटर समझा जाता है. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में पूरे 600 अंक हासिल किए हैं, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इसके अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके नाम आठ स्वर्ण पदक हैं, जिनमें से चार उन्होंने 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में जीते हैं, जबकि बाकी के चार 2006 मेलबर्न गेम्स में हासिल किए गए थे.
जर्मन शहर म्यूनिख में 2010 में हुए विश्व चैंपियनशिप में वह तीसरे नंबर पर रहे हैं, जबकि उसी साल चीन में हुए वर्ल्ड कप में भी उन्हें तीसरा नंबर मिला था. एशियाड 2010 में नारंग के हाथ एक रजत पदक लगा था.
लंदन में नारंग की शूटिंग देखने गए दर्जनों लोगों को अंदर नहीं घुसने दिया गया जिससे वहां बड़ा बवाल हुआ. इन लोगों के हाथ में टिकट भी था लेकिन अधिकारियों ने यह कह कर उन्हें जाने नहीं दिया कि अंदर जगह भर गई है. करीब 40 से ज्यादा दर्शक हाथों में टिकट लिए बाहर खड़े थे और गुस्से में नारेबाजी कर रहे थे. इनमें से कई लोग भारत से सिर्फ यही मुकाबला देखने लंदन आए थे.
वहां मौजूद मोहिंदर लाल ने कहा, "मैं भारत से इतना पैसा खर्च कर के यह मैच देखने आया हूं और अब ये लोग मुझे अंदर नहीं जाने दे रहे." शूटिंग रेंज के मैनेजर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सामान्य टिकट लेने वाले लोगों को यह नहीं पता था कि हर मुकाबले में प्रवेश पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाता है. जगह भर जाने के बाद उन्हें घुसने की इजाजत देना मुमकिन नहीं है. मीडिया में आज यह खबर भी आई है कि कई मुकाबलों में दर्शकों की सीटें खाली रह जा रही हैं वहीं कुछ मुकाबलों के लिए लोगों को घुसने नहीं दिया गया.
एजेए/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)