नॉर्वेः मुकदमे में मुस्कुराता रहा ब्रेविक
१६ अप्रैल २०१२हमले के दिन ब्रेविक ने एक वीडियो इंटरनेट पर डाला था. उसे जब अदालत में चलाया गया तो ब्रेविक का चेहरा लाल हो गया और उसकी आंखों से आंसू बह निकले. इससे पहले पूरे समय ब्रेविक के चेहरे पर कोई भाव नहीं था. 33 साल के दक्षिणपंथी ब्रेविक ने माना कि उसने 77 लोगों को मारा था लेकिन उसने दावा किया कि वह अपराधी नहीं है, ब्रेविक ने कहा कि उसने आत्मरक्षा में ऐसा किया.
अदालत की सुनवाई में यह तय किया जाना है कि ब्रेविक विक्षिप्त है या उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है. ब्रेविक खुद कहता है कि विक्षिप्त साबित हो जाना मरने से भी बुरी स्थिति होगी.
कोट पैंट और ढीली टाई पहने अदालत में आए ब्रेविक के हाथों में हथकड़ियां लगी थी जिन्हें उसके बैठने से पहले उतारा गया, इस समय उसके चेहरे पर मुस्कान थी. बैठने से पहले उसने अपने दाहिए हाथ को दिल पर रखा और हाथ फैला कर सैल्यूट किया. जजों के अंदर आने के बाद खड़े होने से इनकार करते हुए ब्रेविक ने कहा, "मैं नॉर्वे की अदालत को नहीं मानता. आप लोगों को राजनीतिक दलों से जनादेश मिला है जो बहु-संस्कृतिवाद का समर्थन करता है. मैं मानता हूं कि मैं यह काम किया है लेकिन मैं अपराधी नहीं. मैंने यह काम आत्मरक्षा में किया है."
ब्रेविक पर अगले दस सप्ताह तक मुकदमा चलेगा. सोमवार को शुरु हुई सुनवाई के दौरान 200 लोग अदालत में मौजूद थे. जबकि देश भर में इस मुकदमे को सीसीटीवी के जरिए देखा जा सकता था. पिछली जुलाई में अंधाधुंध गोलीबारी में बचे वेनगार्ड ग्रोसेली वेलेसलैंड ने कहा, आज मुकदमा शुरू हो रहा है और यह कई लोगों के लिए मुश्किल समय होगा. पिछली बार जब मैंने उसे देखा था तो वह मेरे दोस्तों पर गोली चला रहा था.
ब्रेविक ओस्लो में अपनी मां के साथ रहता था. लेकिन फर्टिलाइजर बम बनाने के लिए उसने एक फार्महाउस किराए पर लिया. यह बम उसने 22 जुलाई को ओस्लो में फोड़ा. अभियोक्ता ने ब्रेविक को कंप्यूटर गेम वर्ल्ड ऑफ वारक्राफ्ट से अति प्रभावित बताया, जिसके बाद जज ने पूछा कि क्या यह गेम हिंसा से भरा है. अपने ऑनलाइन चरित्र की इमेज को देख कर ब्रेविक ने मुस्कुरा दिया.
नॉर्वे उदार संस्कृति के लिए जाना जाता है. जर्मनी, फ्रांस सहित यूरोप के कई देशों में विविध संस्कृति को समाज में मिलाने पर बहस चल रही है. इसके लिए बाकायदा कोशिश की जा रही है. यूरोपीय देशों में इस मुद्दे पर काफी बहस होती रहती है. जहां एक ओर बीच बीच में इस्लामिक कट्टरपंथ सिर उठाता रहता है, वहीं हाल ही में जर्मनी में ऐसी हत्याओं का खुलासा हुआ है जिसमें विदेशी मूल के लोगों को नवनाजियों ने मारा था.
एएम/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)