पर्यवेक्षक सीरिया के अंदर, टैंक बाहर
२७ दिसम्बर २०११सीरिया में पिछले 9 महीने से चले आ रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हजारों लोगों की जान गई है. पर्यवेक्षकों का दल जिस दिन राजधानी दमिश्क पहुंचा उसी दिन होम्स शहर में 34 लोग सेना की कार्रवाई में मारे गए. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अब तक 5000 लोगों की मौत हो चुकी है.
अरब लीग के पर्यवेक्षकों ने सबसे पहले इस बात का मुआयना किया कि राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरियाई शहरों में सेना की कार्रवाई बंद कराई है या नहीं. स्थानीय टीवी चैनल दुनिया ने बताया कि पर्यवेक्षक सबसे पहले होम्स के गवर्नर से मिले.
ब्रिटेन की संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने विपक्षी कार्यकर्ताओं के हवाले से जानकारी दी है कि होम्स से 11 टैंकों को बाहर जाते देखा गया है. सोमवार को भी इन टैंकों से हमला किया गया. बाकी टैंकों को शहर में ही कहीं छिपा देने की खबर है. पिछले कुछ दिनों से सेना के टैंकों ने सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर पर खूब चहलकदमी की है. पास के बाबा अम्र ने तो टैंक, मोर्टार और भारी मशीनगनों की फायरिंग में बहुत तबाही देखी है. होम्स के कार्यकर्ता मोहम्मद सालेह ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "मेरा घर बाबा अम्र के पूर्वी दरवाजे के पास है. मैंने सुबह आठ बजे कम से कम छह टैंकों को शहर से बाहर जाते देखा. मुझे नहीं पता कि वहां और टैंक हैं या नहीं."
सोमवार को विपक्षी कार्यकर्ताओं के रिकॉर्ड किए गैरपेशेवर वीडियो फुटेज में टैंकों को बाबा अम्र में दौड़ते देखा गया जो नामालूम निशानों की तरफ फायरिंग कर रहे थे. वीडियो में बुरी हालत में पड़े शवों की तस्वीरें भी हैं जो किसी इमारत के मलबे में दिख रही हैं. इस इमारत पर टैंक से फायरिंग के निशान मौजूद हैं. होम्स के खालिदिया जिले में काम करने वाले तामीर ने बताया, "सुबह से ही पूरी तरह सन्नाटा है. इसलिए हम इस समय का इस्तेमाल करने जा रहे हैं और प्रदर्शनों को फिलहाल स्थगित किया जा रहा है."
असद के विरोधियों को डर है कि अरब देशों से कई हफ्तों की बातचीत के बाद पर्यवेक्षकों का यहां आना सरकार के हक में जाएगा. सरकार यह छिपाने में कामयाब हो गई है कि यहां इतनी हिंसा हुई है. टैंकों को डेरा और हमा शहर से भी निकाले जाने की बात कही जा रही है. कई महीनों से चले आ रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद पर्यवेक्षकों का अभियान एक तरह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सीरिया के जमीन पर पहली दखलंदाजी है. सूडानी जनरल मुस्तफा दाबी 50 पर्यवेक्षकों के साथ सोमवार को दमिश्क पहुंचे. उसके बाद यह लोग टीम पांच पांच पर्यवेक्षकों की 10 टीम में बंट गए. 100 पर्यवेक्षकों का एक और दल जल्दी ही सीरिया पहुंचने वाला है.
दाबी के मुताबिक पर्यवेक्षकों का दल सरकारी वाहनों का इस्तेमाल करेगा और इस व्यवस्था से असद के विद्रोहियों के आरोपों को बल मिल रहा है कि पर्यवेक्षक के काम में शुरुआत से ही बाधा डाली जाएगी और उनकी आंखों में धूल झोंकने की कोशिश होगी. हालांकि अरब लीग का कहना है कि पर्यवेक्षक बिना पहले से बताए कहीं भी जा कर जांच पड़ताल कर सकेंगे.
इन पर्यवेक्षकों को पता लगाना है कि सरकार शांति योजना को लागू कर रही है या नहीं, जिसमें सेना को शहरों से बाहर निकालने, कैदियों को रिहा करने और विरोधियों से बातचीत शुरू करना शामिल है. असद ने अब तक इस पर अमल करने की दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है.
सीरिया के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर सशस्त्र विद्रोहियों का साया पड़ रहा है. आशंका है कि कहीं देश में गृह युद्ध न छिड़ जाए. यहां सुन्नी मुस्लिम समुदाय बहुमत में है जो विरोध प्रदर्शनों का समर्थन कर रहा है. दूसरी तरफ अल्पसंख्यक समुदाय सरकार के साथ हैं. खास तौर से अलावी समुदाय, राष्ट्रपति अल असद इसी समुदाय से आते हैं.
रिपोर्टः रॉयटर्स, एपी/ एन रंजन
संपादनः ए जमाल