पहले कश्मीरी अलगाववादियों से मिली खर
२७ जुलाई २०११भारतीय सरकार के एक सूत्र के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने लिखा है कि कश्मीर के अलगाववादी गुट से पाकिस्तानी विदेश मंत्री की बातचीत से शांति वार्ता का माहौल खट्टा हो गया.
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का मुद्दा सबसे तीखा है जिस पर दोनों देश 1947 के बाद से तीन बार युद्ध भी कर चुके हैं. जम्मू कश्मीर में अलगाववादी स्वतंत्रता की मांग कर रहे है जबकि भारत जम्मू कश्मीर को देश का अभिन्न अंग मानता है.
मंगलवार को नई दिल्ली पहुंचने के बाद पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष नेता सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात की.
सरकारी सूत्र ने बताया, "यह बिलकुल अच्छा कदम नहीं था. हम तो पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर बात करना चाहते हैं, जिसमें जम्मू कश्मीर भी शामिल है. तो इस तरह के कदम से कोई हल नहीं निकल सकता."
बुधवार को भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री एक साल बाद मिल रहे हैं. यह बातचीत 2008 में हुए मुंबई हमलों के साए में ही हो रही है. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से बातचीत बंद कर दी थी.
भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण और स्थायी संबंधों पर जोर दिया है. जानकारों का मानना है कि इस बातचीत का मुख्य फोकस बातचीत को जारी रखना और आपसी संबंधों को स्थिर करना है, क्योंकि यह दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए अहम है. पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर एक राजनीतिक परिवार से हैं और कई जानकारों का मानना है कि यह इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की राजनीति में अब भी वंशवादी परंपरा जारी है.
पाकिस्तान के विदेश नीति मामलों के जानकार हसन असकरी कहते हैं, "सत्ता में बैठे लोग और सेना भी आश्वस्त है कि खर उसी का पालन करेंगी जो उन्हें कहा गया है." भारतीय मीडिया ने हिना रब्बानी खर की सुंदरता के बारे में काफी कुछ लिखा. एक अंग्रेजी अखबार ने उन्हें पाकिस्तान का सबसे अच्छा चेहरा बताया तो एक अन्य अखबार ने उन्हें मॉडल जैसा मंत्री कहा.
रिपोर्टः एएफपी/आभा एम
संपादनः ए कुमार