पाकिस्तान को उबरने में तीन साल लगेंगे
२४ अगस्त २०१०पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने उन आशंकाओं से इनकार किया है जिनके मुताबिक भयंकर मानवीय आपदा से तालिबान और अल कायदा चरमपंथियों के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई प्रभावित होगी. अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान पश्चिमोत्तर इलाकों में तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहा है.
अमेरिका सहित अन्य देशों से मिल रही मदद का राष्ट्रपति जरदारी ने स्वागत तो किया लेकिन वे अपील करना नहीं भूले कि लोगों के दिलों को जीतने और अमेरिका विरोध की भावना को दूर करने के लिए और प्रयास किए जाने की जरूरत है.
इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्पष्ट हुआ कि आसिफ अली जरदारी को चिंता सताए जा रही है कि पाकिस्तान को बाढ़ की विभीषिका से उबरने में कई साल लग सकते हैं और उन्होंने इसे छिपाया भी नहीं. "सही अनुमान तो नहीं लगाया जा सकता लेकिन कम से कम तीन साल तो लगेंगे ही. मुझे यह तो नहीं लगता कि पाकिस्तान कभी पूरी तरह इस आपदा से उबर पाएगा लेकिन जिंदगी तो आगे बढ़ेगी ही." जरदारी से पूछा गया था कि राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के काम में कितने साल लगेंगे.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने आश्वस्त किया है कि बाढ़ के खतरे से लोगों को बचाने के लिए पाकिस्तान सरकार हरसंभव कदम उठा रही है.
पाकिस्तान की स्थापना के बाद इसे अब तक की सबसे भयंकर बाढ़ माना जा रहा है जिसमें पाकिस्तान का 20 फीसदी हिस्सा डूब गया है. बाढ़ से विस्थापित हुए लोग भोजन, जल और शरण की तलाश में हैं और सरकार से नाखुश हैं. जरदारी ने माना कि लोगों में असंतोष है.
"लोगों में नाखुशी तो है ही, असंतोष भी होगा क्योंकि लोग सोच रहे हैं कि जो उन्होंने खो दिया है वो उन्हें वापस मिलना चाहिए. हम कोशिश करेंगे कि जितना हो सके हम लोगों की मदद कर सकें."
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ 11 अरब डॉलर के कर्ज पर बातचीत की है. आईएमएफ के क्षेत्रीय निदेशक मसूद अहमद ने ब्रिटिश मीडिया को बताया कि आईएमएफ मुश्किल घड़ी में पाकिस्तान की मदद का रास्ता तलाश रहा है.
पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की अपील से कहीं ज्यादा मदद हासिल हो चुकी है लेकिन बाढ़ और उससे तबाही की व्यापकता को देखते हुए और मदद का इंतजार है. बाढ़ से पाकिस्तान में अब तक 1600 लोगों की मौत हो चुकी है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उभ