पुलिस ने 'चोर' की तरह खत्म की 'राम' लीला
५ जून २०११रामदेव ने कहा कि सरकार में अगर दम हो तो उन्हें जायज वारंट के साथ गिरफ्तार करके दिखाए. उन्होंने अपने समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई की भी निंदा की. अनजान जगह से एक टीवी चैनल से बातचीत में रामदेव ने कहा राम लीला मैदान में उनके आंदोलन पर पुलिस की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण थी.
किसकी सजा मिली?
रामदेव ने कहा, "उन्होंने (उनके समर्थकों ने) कोई पाप नहीं किया है. फिर उनके साथ ऐसी ज्यादती क्यों की गई?" रामदेव ने दावा किया कि उनसे अब तक किसी पुलिस अफसर ने बात नहीं की है.
शनिवार रात को पुलिस ने राम लीला मैदान पर धावा बोलकर वहां प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ दिया और रामदेव को अपने साथ ले गई. हालांकि पुलिस का कहना है कि 15 मिनट बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया. दिल्ली पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता ने कहा कि सुरक्षा कारणों से राम लीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति वापस ले ली गई है.
"चोर की तरह आई पुलिस"
पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज रामदेव ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि अगर वह मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं तो जायज वारंट के साथ दिन के वक्त करें. वे चोरों की तरह क्यों आए? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है."
हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता ने स्वामी अग्निवेश इस सब में रामदेव की भी गलती देखते हैं. एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब मांगें मान ली गई थीं तो रामदेव को अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा, "वह सरकार से लिखित आश्वासन चाहते थे, वह भी उन्हें मिल गया. उसके बाद उन्हें अपना अनशन खत्म करके चले जाना चाहिए था. इस बात ने सरकार को भड़का दिया होगा. लेकिन निहत्थे मासूम लोगों पर डंडे बरसाना कोई सही बात नहीं है."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम