पोलियो पर बदल रहा है पाकिस्तानी मन
२३ अक्टूबर २०१२पिछले हफ्ते तीन दिन के लिए पूरे देश में टीका लगाने का खास अभियान चलाया गया. पाकिस्तान सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से चले इस अभियान के दौरान 3.2 करोड़ बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था. डब्ल्यूएचओ, पाकिस्तान सरकार और संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, "इनकार करने वाले परिवारों की संख्या जनवरी में 80,330 थी जो घट कर अक्टूबर में 45,122 पर आ गई है."
डब्ल्यूएचओ के पोलियो हटाओ अभियान में वरिष्ठ संयोजक एलियास डुरी का कहना है, "यह सफलता बड़ी है लेकिन फिर भी हर वह बच्चा जिसे टीका नहीं लगा, हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है. यह गंभीर चिंता का विषय है कि पिछले पोलियो अभियान में पूरे देश की पोलियो टीमें अब भी 48,4344 बच्चों तक नहीं पहुंच सकी हैं." उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि लगातार कोशिश करने के बावजूद वही बच्चे बार बार पोलियो अभियान की जद में आने से बच जा रहे हैं जिन्हें पिछले अभियानों में पोलियो की दवा नहीं दी जा सकी है.
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की वरिष्ठ सलाहकार शहनाज वाजिर अली ने पिछले अभियान के दौरान हर उस बच्चे तक पहुंचने की अपील की जिसे पोलियो की दवा अब तक नहीं मिल सकी है. उन्होंने कहा, "इनकार को छोड़ बाकी दूसरी वजहों से जो बच्चे छूट रहे हैं उन तक पहुंचने के लिए हमें पर्याप्त कदम उठाने की जरूरत है."
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया दुनिया में तीन ऐसे देश हैं जहां पोलियो की महामारी अभी भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. इस साल सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में पोलियो के 30 मामले सामने आए हैं. इनमें से 22 मामले अफगानिस्तान से लगती सीमा पर बसे कबायली इलाके में सामने आए. 1994 में इस महामारी ने 25000 लोगों को अपना शिकार बनाया तब पहली बार यहां पोलियो से मुक्ति के लिए अभियान शुरू किया गया. 2011 में यह संख्या घट कर 198 पर आ गई लेकिन अब भी यह पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है.
पाकिस्तान की मस्जिदों से मौलवी माइक पर चीख चीख कर लोगों से पोलियो का टीका नहीं लगवाने की अपील करते रहे. कट्टरपंथी मौलवी इसे मुस्लिम समुदाय की आबादी घटाने के लिए पश्चिमी देशों की 'साजिश' करार देते हैं. इसी साल के शुरूआत में पाकिस्तानी डॉक्टर को जेल में डाल दिया गया. इस डॉक्टर पर हेपेटाइटिस का टीका लगाने के नाम पर फर्जी अभियान चला कर अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादने को पकड़ने में सीआईए की मदद करे का आरोप लगाया गया है. इसके बाद से तालिबान ने कुछ इलाकों में टीका लगवाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है.
11 सितंबर के हमलों के बाद पाकिस्तान में एक मिथक बड़ी तेजी से फैला कि अमेरिका टीका अभियान का सहारा लेकर लोगों की नसबंदी कर रहा है ताकि स्थानीय मुस्लिम आबादी को कम किया जा सके. सरकारी अधिकारियों ने इस मिथक को तोड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन बिन लादेन को पकड़ने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी के कथित टीकाकरण अभियान ने लोगों के मन में इस शक को और पुख्ता कर दिया.
एनआर/ एमजी(एएफपी)