प्रसारण अधिकारों पर यूरोपीय अदालत का फैसला
५ अक्टूबर २०११ब्रिटेन की कारेन मर्फी ने जब 2004 में दक्षिण ब्रिटेन के पोर्ट्समाउथ में रेड व्हाइट एंड ब्लू पब खरीदा तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि बचत करने की उनकी कोशिश यूरोप के सबसे बड़े खेल ब्रॉडकास्टर के वर्चस्व पर सवाल उठा देगी. उन्होंने पब खरीदने के बाद ब्रिटेन की सैटेलाइट कंपनी बीस्काईबी के साथ इंगलिश प्रीमियर लीग का महंगा कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया और ग्रीस की नोवा कंपनी से सस्ता कॉन्ट्रैक्ट कर लिया. एक ब्रिटिश कोर्ट ने इसके लिए मर्फी पर जुर्माना किया जिसके खिलाफ वह यूरोपीय अदालत तक गईं.
यूरोपीय अदालत ने अब फैसला सुनाया है कि मर्फी पर जुर्माना करना गलत था. लक्जेमबुर्ग स्थित अदालत ने अपने फैसले में कहा, "विदेशी डिकोडर के आयात, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने वाले राष्ट्रीय कानून सेवा देने की आजादी के खिलाफ हैं." अदालत ने कहा, "इसे न तो बौद्धिक संपदा की रक्षा के नाम पर उचित ठहराया जा सकता है और न ही खेल प्रेमियों को फुटबॉल स्टेडियम तक लाने के लक्ष्य के नाम पर."
संघर्ष का केंद्र बना पब
कारेन मर्फी का पब कद्दावर संस्थानों के संघर्ष का केंद्र बन गया. यूरोपीय कोर्ट ऑफ जस्टिस 27 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ का सर्वोच्च न्यायालय है, जबकि इंग्लिश प्रीमियर लीग दुनिया की सबसे धनी खेल संस्था है. इंग्लिश प्रीमियर लीग खुली बोली के आधार पर प्रसारण अधिकार बेचती है और एक देश में एक ही ब्रॉडकास्टर को प्रसारण अधिकार बेचे जाते हैं. ब्रॉडकास्टर यह फीस ग्राहकों से वसूल करता है.
यूरोपीय अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि प्रीमियर लीग लीग के मैचों के लिए कॉपीराइट का दावा नहीं कर सकता क्योंकि इन मैचों को किसी की बौद्धिक रचना नहीं समझा जा सकता.
कुछ प्रेक्षकों का मानना है कि अदालत के फैसले का यूरोपीय फुटबॉल की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. प्रीमियर लीग अब अलग अलग देशों में अलग अलग प्रसारण अधिकार नहीं बेच पाएगा. इसीलिए स्काई के शेयरों की कीमत पहले तो गिर गई लेकिन जब आर्थिक विश्लेषकों ने नतीजों पर सोचना शुरू किया तो वह कुछ संभला. सिटी ग्रुप बैंक के टॉम सिंगलहर्स्ट ने डॉयचे वेले से कहा, "लोगों ने पहले सोचा कि यह स्काई के लिए बुरा है, लेकिन यदि आप गहराई में जाएं तो यह तटस्थ लगता है या स्काई के पक्ष में लगता है."
उलझन इस बात से पैदा होती है कि किसके पास कौन से अधिकार हैं. सिंगलहर्स्ट कहते हैं, "यूरोपीय संघ का पक्ष यह है कि लोगों को खेल का कंटेंट मिलना चाहिए यानी मैच का सीधा प्रासरण. लेकिन उस पर डाले गए किसी भी बौद्धिक कंटेंट जैसे ग्राफिक या एक्शन रिप्ले पर प्रीमियर लीग का कॉपीराइट होगा. इसका मतलब यह होगा कि पब मालिक मैच तो दिखा पाएंगे लेकिन संभवतः हर बार जब रिप्ले होगा तो उन्हें टेलिविजन बंद कर देना होगा."
जर्मनी में फैसले का स्वागत
इसके बावजूद जर्मनी के होटल और रेस्तरां संघ (डेहोगा) के निदेशक श्टेफान बुइटनर ने यूरोपीय अदालत के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह है कि निजी ब्रॉडकास्टरों को अपने को यूरोपीय प्रतिस्पर्धा के लिए खोलना होगा. पहले हमें फैसले को विस्तार से देखना होगा ताकि हम अपने सदस्यों को सलाह दे सकें."
इस फैसले ने और कानूनी लड़ाइयों का रास्ता खोल दिया है. यूरोप के दूसरे देशों के ब्रॉडकास्टर और लीग पहले यह देखेंगी कि उनके यहां अदालतें इस फैसले को कैसे लागू करती हैं. सिंगलहर्स्ट का कहना है, "इसे जिस तरह से लागू किया जाए, या तो प्रीमियर लीग सिर्फ ब्रिटेन के लिए लाइसेंस देगी, तो स्काई पर कोई असर नहीं होगा. या उसे यूरोपीय संघ के स्तर पर लाइसेंस बेचना होगा. उस मामले में एकमात्र बोली लगाने वाला स्काई होगा." सिंगलहर्स्ट की आशंका है कि अंत में प्रतिस्पर्धा और कम हो सकती है.
जर्मन फुटबॉल लीग डीएफएल का कहना है कि उसे फैसले पर आश्चर्य नहीं हुआ है. उसने एक बयान में कहा है, "डीएफएल ने पिछले महीनों में मामले का अध्ययन किया है और जहां तक संभव हो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया अधिकारों पर प्रभाव को सीमित रखने के एहतियाती कदम उठाए हैं." लेकिन इसका असर क्लबों पर हो सकता है. यदि लाइसेंस की कीमतें गिरती हैं तो क्लबों का बारी नुकसान होगा क्योंकि उसकी एक तिहाई आमदनी प्रसारण अधिकार बेच कर होती है.
उपभोक्ताओं की चांदी
उपभोक्ताओं को इससे कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि इसका मतलब पे टीवी के लिए कम फीस होगा. पिछले 20 साल में जर्मन लीग के प्रसारण अधिकारों की कीमत 4 करोड़ यूरो से बढ़कर 40 करोड़ यूरो हो गई है. जर्मनी में छोटे पबों और रेस्तरां को साल में कम से कम 2000 यूरो और बड़ा कमरा होने पर 8000 यूरो तक की लाइसेंस फीस देनी पड़ती है. जर्मनी के होटल और रेस्तरां संघ (डेहोगा) के निदेशक श्टेफान बुइटनर कहते हैं, "कीमतें पिछले सालों में तेजी से बढ़ी हैं, जिसने बहुत से रेस्तरां मालिकों को नाराज कर दिया है. उनका कहना है कि वे उतनी बीयर नहीं बेच सकते."
सिंगलहर्स्ट भी होटल और रेस्तरां मालिकों की शिकायत समझ सकते हैं. उनका कहना है, "स्काई पे-टीवी की संभावनाओं का फायदा उठा रहा है." अगर 1999 के स्तर पर पे-टीवी और बीयर की कीमतों की 2011 की कीमतों के साथ तुलना की जाए तो आधे लीटर बीयर की कीमत इस समय 28 यूरो होती.
रिपोर्ट: बेन नाइट/मझा
संपादन: वी कुमार