प्रियंका की पसंद है ठंडा ठंडा बर्लिन
११ फ़रवरी २०१२डॉयचे वेलेः बर्लिनाले में आपकी यह डॉन1 और सात खून माफ के बाद यह आपकी तीसरी फिल्म है. आपको कैसा लग रहा है?
प्रियंका चोपड़ाः बहुत अच्छा लग रहा है. सात खून माफ पिछले साल बर्लिनाले में दिखाई गई थी, लेकिन मैं नहीं आ पाई थी. मैं बहुत खुश हूं कि इस बार जब डॉन2 बर्लिनाले में शामिल है तो हम सब टीम के तौर पर यहां हैं. यहीं हमारी शूटिंग हुई थी तो यह पूरा प्रोजेक्ट यही पर आकर खत्म हुआ है तो बहुत अच्छा लग रहा है.
डॉयचे वेलेः जब डॉन 1 खत्म हुई तो क्या आपको अंदाजा था कि इसका दूसरा भाग भी बनेगा?
नहीं बिलकुल भी नहीं. हमने कभी सोचा ही नहीं था लेकिन जब फिल्म देखी और जिस तरह फरहान ने पहली डॉन को एक मोड़ दिया था, कि डॉन जिंदा था और विजय मारा गया है तो लोग बोलने लगे कि इसका सीक्वल होना चाहिए. तब फरहान ने सोचना शुरू किया कि शायद सीक्वल बन सकता है. क्योंकि दर्शकों को डॉन का किरदान एक्साइटिंग और यादगार लगा. इसलिए उन्हीं किरदारों के साथ डॉन 2 बनाई गई है.
डॉयचे वेलेः आपकी तीनों फिल्मों में महिला के तौर पर आपकी भूमिका बहुत अलग थी. तो क्या आप हिंदी सिनेमा में अभिनेत्री की भूमिका को कुछ अलग दिखाना चाहती हैं?
प्रियंका चोपड़ाः मैं हमेशा अपनी फिल्मों में अलग तरह की भूमिका निभाती हूं. मैंने कभी भी सामान्य भूमिकाए नहीं निभाई हैं. अपनी हर फिल्म में कुछ न कुछ अलग लाने की कोशिश करती हूं और यह अभिनेत्री को अलग परिभाषा देने की बात नहीं है, मेरा स्वभाव ऐसा ही है. मुझे बोरियत होती है एक जैसी चीज करके. किसी भी क्षेत्र में आप आगे बढ़ना चाहते हैं, अपने काम को बेहतर बनाना चाहते हैं, यह मेरी तरफ से एक निजी कोशिश है, न फिल्म इंडस्ट्री के लिए न ही औरतों के लिए. मैं मोर्चे नहीं निकाल रही हूं. लेकिन एक अदाकार होने के नाते मुझे अपना काम बेहतर करने की इच्छा है, और मैं कोशिश करती हूं कि मेरी अगली फिल्म इससे भी बेहतर हो.
डॉयचे वेलेः आपको अपने किरदारों में कौन सा बहुत अच्छा लगा?
प्रियंका चोपड़ाः मुझे ड्रामा बहुत पसंद है. जिंदगी में नहीं, फिल्मों में. कॉमेडी मैंने कभी नहीं की. अगर आप दोस्ताना लें, या मुझसे शादी करोगी, वह कॉमेडी फिल्में थीं लेकिन मैंने उसमें कॉमेडी नहीं की है. वह एक ऐसा रोल है जो मैंने नहीं किया है. बहुत होनहार एक्टर होना पड़ता है कॉमेडी करने के लिए.
डॉयचे वेलेः प्रियंका, आप किस तरह किसी फिल्म को चुनती हैं?
प्रियंका चोपड़ाः सबसे पहले जरूरी होता है कि कहानी ऐसी होनी चाहिए जो आप थिएटर में जाकर देखना पसंद करें. जब पढ़ते हैं कहानी को और आपको लगे कि हां, यह फिल्म बननी चाहिए, और मैं इसे देखना पसंद करूंगी, ऐसा होना बहुत जरूरी है. दूसरी बात आपकी भूमिका. ऐसी भूमिका कि आपको लगे कि कोई और इसे करेगा तो मुझे बुरा लगेगा.
डॉयचे वेलेः ऐसा लगा कभी?
प्रियंका चोपड़ाः मुझे हर फिल्म में लगता है. मुझे ऐसा नहीं लगेगा तो मैं फिल्में करती ही नहीं हूं. इसलिए मैं वह फिल्में कर लेती हूं ताकि कोई और न कर ले.
डॉयचे वेलेः क्या आपका हॉलीवुड और यूरोपीय फिल्मों में आने की कोई योजना है?
प्रियंका चोपड़ाः मुझे फिल्मों का बहुत शौक है, अब वह पंजाबी हो या यूरोपीय, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. कहानी अच्छी होनी चाहिए. और मुझे लगना चाहिए कि यह फिल्म मुझे अदाकार के तौर पर और अच्छा बनाएगा. बस मेरे लिए वह जरूरी है. मुझे और कुछ करना नहीं आता. मैं हमेशा एक कलाकार रही हूं. मैं 17 साल की उम्र से एक्टिंग कर रहीहूं.
डॉयचे वेलेः क्या आपके साथ ऐसा हुआ कि आपने कोई फिल्म की और आपको लगा कि मैं यह न करती तो अच्छा होता?
प्रियंका चोपड़ाः बहुत सारी फिल्में हैं जहां लगता है कि अगर यह फिल्म बेहतर बनती या अलग बनती तो शायद अच्छा होता. लेकिन मेरी कोई ऐसी फिल्म नहीं आई है जिसमें लोगों ने कहा हो कि काम बहुत बुरा था...काश तुम यह फिल्म करती ही नहीं.
डॉयचे वेलेः जर्मनी आपको कैसा लगा?
प्रियंका चोपड़ाः बहुत ठंडा. लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगता है. मैंने डेढ़ ढाई महीने यहां बिताए. डॉन 2 की शूटिंग के दौरान. यहां के लोग मुझे बहुत अच्छे लगते हैं. हिन्दी फिल्मों के लिए बहुत प्यार दिखाते हैं. हम शूटिंग कर रहे थे तो रोज तो चाहे 2 बजे रात हो या 6 बजे सुबह, बर्फ या बारिश, हमेशा कम से कम 50-60 लोग बाहर खड़े रहते. हमने कितनी बार उन लोगों के लिए छतरियां भिजवाई क्योंकि बर्फ गिरती और वे खड़े ठिठुरते रहते. भाषा एकदम अलग होने के बावजूद भी इतना स्वागत होता है तो अच्छा लगता है.
डॉयचे वेलेः आपके नए प्रोजेक्ट कौन से हैं?
प्रियंका चोपड़ाः कुणाल कोहली की फिल्म में हम नॉटिंगहैम में काम कर रहे हैं. इसके अलावा फिल्म, मनोरंजन. मैं इस साल तीन फिल्में कर रही हूं. कुणाल कोहली की रण, बर्फी और कृष 3. उसके साथ साथ मैं एक म्यूजिक एल्बम बना रही हूं.
डॉयचे वेलेः आप उसमें खुद गाएंगी?
प्रियंका चोपड़ाः जी हां मैं उसमें खुद गा रही हूं और यह अंग्रेजी में होगा और यह ग्लोबल एल्बम है. इन सब चीजों में काफी मशरूफ हूं. उसके आगे कोई योजना नहीं बनी है.
इंटरव्यूः मानसी गोपालकृष्णन, अदनान इसहाक (बर्लिन)
संपादनः आभा एम