फिर फंसे बैर्लुस्कोनी
३१ अक्टूबर २०१०इटैलियन अखबारों के मुताबिक बैर्लुस्कोनी ने मोरक्को से आई 17 साल की लड़की को पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश की. पुलिस ने लड़की को चोरी के मामले में पकड़ा था. रूबी नाम की लड़की वास्तव में डांसर है. अखबार अब रूबी और प्रधानमंत्री बैर्लुस्कोनी के बीच संबंध का खुलासा करने में लगे हुए हैं. माना जा रहा है कि वह बैर्लुस्कोनी के घर में आयोजित कई पार्टियों में मौजूद थी. अखबारों में लड़की के हवाले पार्टियों की अश्लीलता पर भी टिप्पणी की गई है.
अखबार कोरियेरे देला सेरा ने शनिवार को पुलिस के साथ बैर्लुस्कोनी की बातचीत छापी. कोरियेरे के मुताबिक बैर्लुस्कोनी ने कहा, "हम इस लड़की को जानते हैं लेकिन मैं आप से कहना चाहता हूं कि हमें बताया गया है कि यह मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक की रिश्तेदार है." अखबार के मुताबिक बैर्लुस्कोनी ने फिर अपने करीबी जानकार को पुलिस के पास भेजा और लड़की को छुड़ाया.
रिपोर्टों के अनुसार मॉडेल बनने की कोशिश कर रही रूबी ने पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर कहा कि वह 74 वर्षीय प्रधानमंत्री को उनके घर आर्कोरे पर हुई पार्टियों से जानती है. बैर्लुस्कोनी के वकील ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है कि प्रधानमंत्री के उस लड़की के साथ यौन संबंध रहे हैं.
बैर्लुस्कोनी के समर्थक और श्रम मंत्री माउरित्सियो साकोनी के मुताबिक यह प्रधानमंत्री को सत्ता से हटाने की साजिश है. हालांकि वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी के एनरीको लेता ने कहा कि अगर बैर्लुस्कोनी ने खुद पुलिस से बात की है तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. बैर्लुस्कोनी के जाने माने राजनीतिक दुश्मन अंतोनियो दी पियोत्रो ने कहा कि अगर बैर्लुस्कोनी इटली के नागरिकों के लिए इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें ऐसा अपने लिए करना चाहिए. उन्हें देर होने से पहले अपना इलाज कराना चाहिए.
पिछले साल बैर्लुस्कोनी की अपनी पार्टियों और कम उम्र की लड़कियों के साथ घुलने मिलने की वजह से आलोचना हुई है. उन्होंने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने रूबी की मदद की, जब वह पुलिस हिरासत में थी. उन्होंने साफ मना किया है कि उन्होंने इस सिलसिले में देश के कानूनी ढांचे में हस्तक्षेप किया है.
सत्ताधारी पार्टी में अंदरूनी झगड़ों और सरकारी बचत पैकेजों की वजह से लोग बैर्लुस्कोनी का साथ छोड़ रहे हैं लेकिन अब भी बैर्लुस्कोनी की स्थिति विपक्षी वामपंथी पार्टियों से कहीं ज्यादा अच्छी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन
संपादनः महेश झा