विस्फोटक अखबार 'न्यूज ऑफ द वर्ल्ड' बंद
८ जुलाई २०११फोन हैकिंग विवाद के चलते न्यूज इंटरनेशनल के चैयरमैन जेम्स मर्डोक ने गुरुवार को अचानक ब्रिटेन के सबसे ज्यादा बिकने वाले अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड को बंद करने का एलान कर चौंका दिया. न्यूज ऑफ द वर्ल्ड पर अपराध के पीड़ितों, मशहूर हस्तियों और नेताओं के मोबाइल फोन हैक करने का आरोप है. गुरुवार को पुलिस ने कहा कि जब्त दस्तावेजों में शायद करीब 4,000 लोगों के नाम हैं.
मर्डोक ने कहा कि रविवार को न्यूज ऑफ द वर्ल्ड की आखिरी प्रति में कोई विज्ञापन नहीं छपेगा. विज्ञापनों की जगह अच्छे कामों के लिए धर्मार्थ दान संबंधी प्रचार सामग्री छपेगी. आखिरी एडिशन से जितनी भी कमाई होगी वह अच्छे कामों के लिए दी जाएगी.
जेम्स मर्डोक के एलान के बाद अखबार के संपादक कोलिन मायलर ने कहा, "मेरी पेशेवर जिंदगी का यह सबसे दुखद दिन है." हर रविवार को प्रकाशित होने वाला न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ब्रिटेन के सबसे ज्यादा बिकने वाले और ताकतवर अखबारों में एक रहा है. हर हफ्ते अखबार की 28 लाख प्रतियां बिकती थीं.
अखबार ने ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस हैरी की नस्लवादी टिप्पणी, फुटबॉल स्टार डेविड बेकहम के प्रेम प्रंसग और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की मैच फिक्सिंग जैसी कई बड़ी खबरों से दुनिया को हिलाया. लेकिन फोन हैकिंग का मामला सामने आने के बाद अखबार की आलोचना हो रही है. यह शक जताया जा रहा है कि अखबार काफी समय से फोन हैकिंग कर रहा था, इसी के चलते न्यूज ऑफ द वर्ल्ड कई बार नेताओं और मशहूर हस्तियों के निजी जीवन से जुड़ी इतनी गहरी खबरें निकाल सका. मामला तब सामने आया जब युद्धों में मारे गए सैनिकों के परिवारजनों के फोन हैक होने की बात सामने आई.
फोन हैकिंग कांड के सामने आने के बाद अखबार और मर्डोक ग्रुप की प्रतिष्ठा को बट्टा लगा. विज्ञापन देने वाली कंपनियों ने न्यूज ऑफ द वर्ल्ड से हाथ खींचने शुरू कर दिए. आशंका जताई जाने लगी कि मर्डोक ग्रुप के अन्य मीडिया संस्थानों पर भी इसका असर पड़ेगा.
ऐसी भी अटकलें हैं कि न्यूज ऑफ वर्ल्ड को नाम मात्र के लिए बंद किया जाएगा. भविष्य में न्यूज ऑफ द वर्ल्ड नहीं छपेगा लेकिन वैसी ही खबरें मर्डोक ग्रुप के दूसरे अखबार द सन में छपेगी. इस पर न्यूज इंटरनेशनल की प्रवक्ता ने कहा, "सन का क्या होगा, यह भविष्य की बात है."
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार