फ्रांस में फ्रांसोआ या सरकोजी की सत्ता
२२ अप्रैल २०१२रविवार को स्थानीय समय के हिसाब से आठ बजे शुरू हुआ मतदान शाम छह बजे तक चलेगा और बड़े शहरों में दो घंटे ज्यादा मतदान केंद्र खुले रहेंगे. यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में संकट की मार निकोला सारकोजी पर पड़ सकती है और वह 30 साल में पहले ऐसे राष्ट्रपति बन सकते हैं जिन्होंने दोबारा चुनाव में पद खो दिया हो. मतदाता बेरोजगारी कम न होने, नीतियों में सुधार न होने से सारकोजी से दुखी हैं. सारकोजी और उनके समाजवादी प्रतिद्वंद्वी फ्रोंसुआ ओलांद के चुनाव के अगले दौर में पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के मुताबिक छह मई को होने वाले दूसरे दौर में ओलांद को अच्छी जीत मिलेगी.
57 साल के ओलांद ने सारकोजी की तुलना में कम कटौती का वादा किया है और वह रईसों पर ज्यादा कर लगाना चाहते हैं ताकि सरकार की मदद से चल रही नौकरियों को धन मिल सके. वह दस लाख यूरो से ज्यादा की आय पर 75 फीसदी अपर टैक्स रेट रखना चाहते हैं.
अगर ओलांद जीतते हैं तो फ्रोंसुआं मितरां (1981) के बाद वह पहले वामपंथी राष्ट्रपति होंगे. सारकोजी की उम्र भी 57 साल ही है और उनका कहना है कि वह आर्थिक संकट के इस दौर में सबसे अच्छा विकल्प हैं. कई कर्मचारी और युवा मतदाता जो ज्यादा वेतन के उनके वादे से आकर्षित हुए थे वह देश में अब तक के लिए सबसे ज्यादा 12 फीसदी बेरोजगारों को देख कर उनसे दूर हो गए हैं.
फ्रांस के कई लोगों के लिए राष्ट्रपति अपनी भड़कीली जीवनशैली और कार्ला ब्रूनी के साथ रंगीली शादी, जनता के बीच रूखे बयान और रईसों के साथ संबंधों के लिए जाने जाते हैं. चुनावों से पहले प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे मार्क बोइतेल कहते हैं, हम सारकोजी से पीछा छुड़ाना चाहते हैं. लोगों को नौकरियां चाहिए. बोइतेल उग्र वामपंथी जां लुक मेलेनकोन को वोट देना चाहते हैं और दूसरे दौर में ओलांद को.
मार्क बोइतेल बाकी मतदाताओं के रुख को दिखाते हैं जो फ्रांस के नेतृत्व में परिवर्तन चाहते हैं. ओलांद को चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सारकोजी से 10 या ज्यादा अंकों से आगे दिखाया गया है. तीसरे नंबर पर उग्र दक्षिण पंथी मारिन ले पेन हैं.
फ्रांस की समस्याएं उसका कम आर्थिक विकास, बढ़ता व्यापार घाटा और 10 फीसदी बेरोजगारी की दर हैं. इन सब के कारण रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने जनवरी में देश की क्रेडिट रेटिंग AAA से घटा दी.
सारकोजी ने यूरो जोन के आर्थिक संकट में जैसे तैसे खुद को आगे बढ़ाया. ओलांद उन्हें फ्रांस के सार्वजनिक निवेश और रेटिंग कम होने का जिम्मेदार ठहराते हैं. कुछ निवेशक ओलांद के कर बढ़ाने और बजट में संतुलन के लिए ढीले टाइमटेबल को चिंता की नजर से देखते हैं.
एएम/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)