बच्चों के साथ कुकर्म के लिए गिरजे ने भरा हर्जाना
२६ मार्च २०११इसे अमेरिका के इतिहास में किसी धार्मिक संगठन की ओर से सबसे बड़ा मुआवजा कहा जा रहा है. ये बच्चे अमेरिका के उत्तर पश्चिम में ओरेगोन, वाशिंगटन, अलास्का, आइडैहो व मोंटाना प्रदेश में रेड इंडियन रिजर्वाटों में जेसुइट मिशन के स्कूलों में जाया करते थे. इस मामले से जुड़े वकील ब्लेइन तामाकी ने कहा कि धार्मिक नेताओं पर इन बच्चों की रक्षा की जिम्मेदारी थी, लेकिन इसके बदले उन्होंने इन्हें बलात्कार का शिकार बनाया.
इस बीच 53 साल की हो चुकी कैथरीन मेंडेज ने बाकायदा विवरण दिया है कि किस प्रकार जेसुइट पादरी फादर जॉन मोर्स ने ओमाक के सेंट मेरी मिशन स्कूल में उसे यौन दुराचार का शिकार बनाया. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 11 साल की थी. दिवंगत हो चुके थीओ लॉरेन्स ने अपने बयान में कहा कि जेसुइटों के साथ काम करने वाली एक नन उसे पादरी फादर फ्रेडी के पास भेजती थी, जहां उसे चॉकलेट दिए जाते थे और उसे यौन दुराचार का सामना करना पड़ता था.
तामाकी के 49 मुअक्किलों के साथ उस वक्त दुराचार किया गया, जब उनकी उम्र आठ साल या उससे कम की थी. बाकी बच्चे 9 से 14 साल तक के थे. ये घटनाएं 1940 के दशक में शुरू हुईं और 1990 के दशक तक चलती रहीं. कुल मिलाकर लगभग 500 ऐसे मामले अभी तक सामने आ चुके हैं. आशंका है कि आने वाले दिनों में और मामले सामने आ सकते हैं. तामाकी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब अपनी गलती स्वीकार करने के बाद जेसुइट संप्रदाय की ओर से आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसे भयानक अपराध न हों.
ओरेगोन प्रांत के जेसुइट समुदाय के प्रधान पैट्रिक ली ने पीड़ितों के साथ हुए समझौते का विवरण देने से इनकार कर दिया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ओ सिंह