बच्चों को शांति का पाठ पढ़ाता था बिन लादेन
१२ फ़रवरी २०१२ओसामा बिन लादेन के साले जकारिया अल सदाह ने ब्रिटेन के अखबार 'संडे टाइम्स' को दिए एक इंटरव्यू में यह दावे किए हैं. अल सदाह बिन लादेन की पांचवीं पत्नी अमल के भाई हैं और यमन के रहने वाले हैं. अल सदाह ने बताया कि बिन लादेन नहीं चाहते था कि उसकी अगली पीढ़ियां उसके कदमों पर चले. वह उन्हें "जिहाद की राह पर पीछे न चलने को कहता था."
9/11 के हमले के बाद से ओसामा बिन लादेन ने पूरी दुनिया में दहशत फैला दी और खुद अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया. लेकिन जिस देश से उसने हमेशा नफरत की, अपने बच्चों को उसने वहीं अपना जीवन बिताने की नसीहत भी दी, "वह अपने बच्चों और पोते पोतियों को कहा करता था कि अमेरिका और यूरोप जाओ और अच्छी तालीम हासिल करो." भले ही अल कायदा और अमेरिका के बीच की दुश्मनी के चलते लाखों लोगों की जानें गई हों, लेकिन बिन लादेन अपने बच्चों को सुरक्षित रखना चाहता था. अल सदाह ने बताया, "वह उन्हें कहता था, तुम लोगों को पढ़ना है और शांति के माहौल में रहना है. तुम्हे वह नहीं करना है जो मैं कर रहा हूं."
ओसामा बिन लादेन को पिछले साल मई में अमेरिकी नेवी सील्स ने पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में मार गिराया. बिन लादेन कई साल से पाकिस्तान के एबटाबाद में छिप कर रह रहा था. उसके साथ उसका पूरा परिवार भी था. कमांडो कार्रवाई के दौरान बिन लादेन की पत्नी अमल को भी चोट आई. अल सदाह ने बताया कि कार्रवाई के बाद वह पहली बार नवंबर में अपनी बहन से मिल पाए. उसके बाद से वह कई बार निगरानी में उनसे मिल चुके हैं.
"सदमे में हैं बच्चे"
जिस वक्त बिन लादेन को मार गिराया गया, उस वक्त उसकी तीन पत्नियां और बच्चे भी मौजूद थे. अल सदाह ने बताया कि उन सब को कई महीनों से इस्लामाबाद में एक फ्लैट में कैद कर के रखा गया है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उन पर नजर रखे हुए हैं. संडे टाइम्स ने अल सदाह के इंटरव्यू के साथ बिन लादेन के बच्चों की एक तस्वीर भी छापी है. अखबार के अनुसार यह कार्रवाई के बाद से बच्चों की पहली तस्वीर है. जिस वक्त बिन लादेन पर कमांडो कार्रवाई हुई, ये बच्चे वहीं मौजूद थे. तस्वीर में छह बच्चों को देखा जा सकता है. इन में बिन लादेन के दो बेटे, एक बेटी, दो पोते और एक पोती है.
अल सदाह ने कहा कि बच्चे अभी भी सदमे में हैं, "भले ही इनके पिता ने कुछ भी किया हो और आप उसके बारे में कुछ भी सोचते हों, लेकिन इन बच्चों ने अपने पिता की जान जाते हुए देखी है. इन्हें प्यार भरे माहौल की जरूरत है, जेल की नहीं."
ओसामा बिन लादेन पर हुई कार्रवाई की जांच करने वाली कमीशन ने पिछले साल अक्टूबर में बिन लादेन के परिवार पर यात्रा संबंधी पाबंदी हटा दी थी. इसके बाद ही अल सदाह नवंबर में इस्लामाबाद पहुंचे. लेकिन उनका कहना है कि पाबंदी हटाए जाने के बावजूद अधिकारी उन्हें अपनी बहन को साथ ले जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. हालांकि पाक अधिकारियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
रिपोर्ट: एएफपी/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह