बशर अल असद माने कि फौज ने गलतियां की
११ अगस्त २०११राष्ट्रपति असद ने इब्सा(आईबीएसए) के प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि वे सीरिया में सुधारों के लिए प्रतिबद्ध हैं. इब्सा प्रतिनिधि मंडल में भारत के विदेश मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अतिरिक्त सचिव दिलीप सिन्हा, दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग के उप मंत्री इब्राहिम इब्राहिम और ब्राजील में मध्यपूर्व मामलों के प्रभारी पाउलो कोर्देइरो शामिल हैं. ये तीनों दमिश्क में सीरियाई राष्ट्रपति से मिले.
बाद में इब्सा प्रतिनिधिमंडल ने एक बयान जारी कर कहा, सीरियाई राष्ट्रपति ने माना कि 'सुरक्षा कर्मियों ने विरोध प्रदर्शनों के शुरुआती दौर में कुछ गलतियां की थीं' और ऐसा फिर नहीं हो इसलिए वे एहतियात बरत रहे हैं.
सीरिया के विदेश मंत्री वालिद अल मुअल्लम ने प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि 2011 के आखिर में सीरिया में स्वतंत्र और निष्पक्ष संसदीय चुनाव करवाए जाएंगे. मुअल्लम ने दोहराया कि साल के आखिर तक सीरिया आजाद, बहुलतावादी और कई पार्टियों वाला लोकतंत्र होगा.
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने आश्वासन दिया, "राजनैतिक सुधार सीरिया की जनता की सहमति से ही किए जाएंगे. राष्ट्रीय स्तर पर संवाद नए कानूनों को आकार देगा और अर्थव्यवस्था के सही मॉडल पर पहुंचने में भी मदद करेगा." संविधान में सुधार की प्रक्रिया फरवरी मार्च 2012 तक पूरी हो जाएगी.
मुअल्लम ने विरोध प्रदर्शनों और उसे रोकने के लिए सरकार के कदमों का सरकारी पक्ष पेश किया. उन्होंने कहा कि सीरिया में विरोधी धड़े के लोगों में आर्थिक तौर पर पिछड़े, अकादमिक क्षेत्र के और बुद्धिजीवी लोगों के अलावा हथियारबंद गुट भी हैं.
इब्सा प्रतिनिधिमंडल ने सीरिया के हालात पर 'गंभीर चिंता' जताई और हिंसा की भर्त्सना की. इब्सा के बयान में कहा गया कि प्रतिनिधियों ने लोगों के मारे जाने और हिंसा के कारण पैदा हुए हालातों पर दुख जताया. उन्होंने 'हिंसा को तुरंत खत्म' करने की अपील की और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की. साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा की जांच के लिए स्वतंत्र न्यायिक समिति बनाने की भी मांग की.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः महेश झा