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हमा से सैनिकों की वापसी शुरू

१० अगस्त २०११

सीरिया ने हमा शहर में सेना भेजने के दस दिन बाद वहां से टुकड़ियों को हटाना शुरू किया है. उधर भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राजदूत सीरिया के अधिकारियों से मिले हैं.

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तस्वीर: dapd

सीरिया के विदेश मंत्री वालिद मुअल्लम ने दौरे पर आए इब्सा संगठन(भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) के राजदूतों को बताया कि सीरिया लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने और सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है. सरकारी समाचार एजेंसी साना ने मुअल्लम के हवाले से कहा, "सीरिया राष्ट्रीय संवाद और राष्ट्रपति द्वारा घोषित सुधारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है."

राजदूतों के दल के साथ बातचीत में मुअल्लम ने उन्हें देश की स्थिति बताई और कहा कि सीरिया के सुरक्षा बल आतंकी गिरोहों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, सीरिया के कुछ शहर हथियारबंद आतंकी गिरोहों के हाथ में हैं, इन शहरों में सुरक्षा और व्यवस्था की बहाली के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. विदेश मंत्री ने विदेशी हस्तक्षेप को ठुकरा दिया. प्रतिनिधिमंडल में भारत के दिलीप सिंहा के अलावा दक्षिण अफ्रीका के उप विदेश मंत्री इब्राहिम इब्राहिम और ब्राजील के मध्यपूर्व मामलों के अधिकारी पाउलो कोरडेरो भी शामिल थे.

इस मुलाकात से पहले समाचार एजेंसी एएफपी की एक संवाददाता ने सूचना दी है कि लगभग 40 सैनिक गाड़ियों को हमा से जाते हुए देखा गया. वह 60 विदेशी पत्रकारों के लिए सरकार द्वारा आयोजित शहर के एक दौरे में शामिल थी.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

तुर्की की पुष्टि

तुर्की के प्रधानमंत्री रेचेप तय्यप एरदोआन ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि सीरिया में तुर्की के राजदूत ने बुधवार को हमा का दौरा किया. उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के सामने बोलते हुए कहा कि यह दिखाना बहुत जरूरी है कि हमारी पहल सकारात्मक परिणाम दे रही है.

हमा में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद 31 जुलाई को सेना शहर में घुस गई थी. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार उस दिन सैनिक कार्रवाई में लगभग 100 लोग मारे गए. उसके बाद के दिनों में भी दर्जनों लोग मारे गए हैं. देश के विभिन्न शहरों में सरकार विरोधी आंदोलन के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक 1650 आम लोग और 400 से अधिक जवान मारे गए हैं.

भारत की पहल

भारत इस महीने सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है. उसने सीरिया में हिंसा पर चिंता व्यक्त की है और संयम दिखाने की मांग की है. भारतीय दूत हरदीप पुरी ने कहा कि इब्सा का प्रतिनिधिमंडल सीरिया के विदेश मंत्री से भेंट कर संयम दिखाने, हिंसा का परित्याग करने, सुधारों को प्रोत्साहन देने और लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं पर ध्यान देने को कहेगा.

NO FLASH Syrien Proteste
तस्वीर: picture alliance/dpa

मंगलवार को तुर्की के विदेश मंत्री अहमद दावुतोगलू ने दमिश्क की यात्रा की थी. उन्होंने राष्ट्रपति बशर अल असद के साथ 6 घंटे तक बातचीत की थी. सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार असद ने संयम दिखाने की तुर्की की मांग ठुकरा दी और कहा कि वह आतंकी गिरोहों का पीछा करना बंद नहीं करेगा.

जर्मनी का स्वागत

इस बीच जर्मन सरकार ने सीरिया संकट के समाधान में तुर्की की पहलकदमी का स्वागत किया है. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने मंगलवार शाम तुर्क विदेश मंत्री दावुतोगलू से टेलीफोन पर बातचीत की. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि जर्मनी इस मामले में तुर्की के साथ निकट सहयोग करेगा.

सीरिया में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत होने से पहले तुर्की की सरकार के सीरिया के साथ निकट संबंध थे. लेकिन जारी हिंसा के कारण दोनों के संबंध में रुखाई आती गई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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