बाढ़ ने ली 75 लोगों की जान
२६ जुलाई २०१७भारत के पूर्वी और पश्चिमी राज्यों में बाढ़ से बहुत नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति गुजरात की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य में बाढ़ का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण भी किया और 500 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की भी घोषणा की है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ में मारे गये लोगों के परिजनों को तत्काल राहत मुहैया करायी है और उन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष से भी दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि उपलब्ध करायी जायेगी. घायलों को 50,000 रुपये दिये जायेंगे जो राज्य सरकार से मिलने वाली मदद के अतिरिक्त होगी. उन्होंने वादा किया कि किसानों की मदद के लिए भी हरसंभव उपाय किये जायेंगे.
जलभराव की वजह से अहमदाबाद-राजकोट नेशनल हाइवे अब भी बंद है. इसके अलावा 120 से भी ज्यादा सड़क मार्ग बंद हो गये हैं. गुजरात राज्य परिवहन की 800 से ज्यादा बसें सेवाएं रद्द कर दी गयी हैं. विमान देरी से उड़ान भर रहे हैं. कई रेलवे ट्रैक भी बाढ़ में बह गये हैं जिसके चलते 10 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं.
अहमदाबाद के आपदा प्रबंधन संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी मयंक रावल ने कहा, "दस हजार से भी ज्यादा लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेज दिया गया है. इनमें एक हजार लोगों को हवाई परिवहन से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है." गुजरात के बनासकांठा जिले के 350 से भी ज्यादा गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं. वहां कपास और मूंगफली की फसल पूरी तरह तबाह हो गयी है.
गुजरात के पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी बाढ़ से तीन लोगों की मौत हो गयी है जबकि पश्मिच बंगाल में बाढ़ और झारखंड के डैम से आये पानी की वजह से 25 हजार से भी ज्यादा लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गये हैं.
पश्मिच बंगाल के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने कहा, " जलभराव को रोकने के लिए झारखंड सरकार को तत्काल प्रभाव से डैम से पानी छोड़ना बंद करना चाहिए." राज्य में बाढ़ की वजह से फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं.
असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 105 जानें गयी हैं. इन प्रदेशों में 60 से भी ज्यादा जिले बाढ़ प्रभावित हैं. असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में भी पूरी तरह से पानी जमा हो गया था और गैंडे सुरक्षित स्थान की खोज में सड़कों पर पहुंच गये थे.
असम के राहत और पुनर्वास मंत्री केशब महंत ने कहा है कि सरकार ने बाढ़ की वजह से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए भी कार्यक्रम शुरू कर दिये हैं. जल भराव के कारण सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का होता है. हर साल भारत में सैकड़ों लोग अपनी जान डेंगू के कारण गंवाते हैं.
एसएस/एके (रॉयटर्स)