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बिना पैर पदक जीतने की तमन्ना

६ जुलाई २०१२

ओलंपिक इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. पैर नहीं हैं लेकिन पदक जीतने का जज्बा है. दक्षिण अफ्रीका ने अपने ओलंपिक दस्ते में एक ऐसे खिलाड़ी का चयन किया है जो फर्राटा दौड़ में हिस्सा लेगा.

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तस्वीर: Reuters

लोग उसे 'ब्लेड रनर' के नाम से भी जानते हैं. उस जुझारू खिलाड़ी का असली नाम है ऑस्कर पिस्टोरियस. पिस्टोरियस दक्षिण अफ्रीका की तरफ से लंदन ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ में हिस्सा लेंगे. हालांकि पहले कहा जा रहा था कि पिस्टोरियस को 4X400 मीटर में दौड़ने का मौका दिया जाएगा लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खेल अधिकारियों ने ऐन वक्त पर अपना फैसला बदला और उन्हे 400 मीटर में दौड़ने का मौका दिया.

ओलंपिक और पैरालिंपिक

इसी के साथ पिस्टोरियस ऐसे पहले खिलाड़ी बन गए हैं जो बिना पैर के भी ओलंपिक और पैरालिंपिक दोनों खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे. चयन के बाद पिस्टोरियस ने कहा,''यह मेरे जीवन का सबसे अहम दिन है.'' ट्विटर पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की है. उन्होंने लिखा है,''आप सब लोगों का शुक्रिया जिन्होंने मुझे एथलीट बनाया. ईश्वर, परिवार और दोस्त सब मेरे साथ खड़े रहे.''

Flash-Galerie Oscar Pistorius
तस्वीर: picture alliance/dpa

पिस्टोरियस कार्बन फाइबर ब्लेड को पैर की तरह इस्तेमाल करते हैं.जब पिस्टोरियस महज 11 महीने के थे तभी एक ऑपरेशन में उनके दोनों पैरों को जांघ के नीचे से काटना पड़ा था. हालांकि स्कूल में ही उनकी खेल प्रतिभा का पता लोगों को चल चुक था. 11 साल से 13 साल के बीच पिस्टोरियस ने रग्बी और वाटर पोलो में हिस्सा लिया. लेकिन 2003 में रग्बी खेलने के दौरान उन्हें चोट लगी और उसे ठीक करने के लिए उन्हें दौड़ने की सलाह दी गई. इसके बाद पिस्टोरियस ने दौड़ को ही खेल बना लिया.

पिस्टोरियस में भरोसा

25 साल के पिस्टोरियस पिछले कई सालों से ट्रैक पर अपनी काबिलयत का लोहा मनवाने की जद्दोजहद में लगे थे. दक्षिण अफ्रीका की ओलंपिक समिति और राष्ट्रीय ट्रैक फेडरेशन ने चयन की कड़ी शर्तों के बीच अचानक पिस्टोरियस को ओलंपिक जत्थे में शामिल करने का फैसला किया. 400 मीटर में पिस्टोरियस का खुद का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड 45.20 सेकंड का है. यह इसी साल की शुरुआत में उन्होने बनाया. ओलंपिक समिति के अधिकारियों ने बताया कि एक सेकंड के चौथाई हिस्से के बराबरी से वह चूक गए लेकिन उन्हें मौका दिया गया. ओलंपिक समति के मुख्य कार्यकारी टुबी रेड्डी कहते हैं, ''क्योंकि वह लंदन में ही होंगे, हमने फैसला लिया है कि वह दोनों जगह दौड़ सकते हैं (ओलंपिक और पैरालिंपिक में).'' समिति का मानना है कि पिस्टोरियस को ओलंपिक जत्थे में शामिल करने के बाद दूसरे खिलाड़ियों का भी उत्साह बढ़ेगा.

वीडी/आईबी (एपी)

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