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बीजेपी से कोई नाता नहीं बचा: शौरी

२२ जुलाई २०११

मशहूर पत्रकार अरुण शौरी अपनी पार्टी बीजेपी से कट चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत खराब होने के बाद से शौरी और बीजेपी के बीच रिश्ता टूट गया है. वह खुद पार्टी की गतिविधियों से दूर हो गए हैं.

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तस्वीर: UNI

भारतीय समाचार चैनल सीएनएन-आईबीएन से बातचीत में इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व संपादक अरुण शौरी ने कहा, बीजेपी से अब "लगभग कोई रिश्ता नहीं है. व्यक्तिगत रूप से वहां मेरे कुछ अच्छे दोस्त हैं लेकिन पार्टी के रूप में देखा जाए तो सब अपने मन की कर रहे हैं. मैं उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा हूं."

एनडीए सरकार में विनिवेश मंत्री रह चुके अरुण शौरी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी माने जाते हैं. वाजपेयी की तबियत बीते कुछ सालों से खराब है. 87 साल के वाजपेयी सक्रिय राजनीति से बिल्कुल अलग हो चुके हैं. बीजेपी पर वाजपेयी और उनकी विचारधारा की उपेक्षा करने आरोप भी लगते हैं. वाजपेयी के दौर में अहम जिम्मेदारियां संभालने वाले अरुण शौरी, जसवंत सिंह और भुवन चंद खंडूरी जैसे नेता अब हाशिए पर धकेल दिए गए हैं.

शौरी कहते हैं, "वह (वाजपेयी) अब राजनीति में सक्रिय नहीं हैं. जब तक वह राजनीति में थे, मुझे लगता था कि एक व्यक्ति है जिसके लिए मुझे काम करना चाहिए." समझदार नेता, सुलझे व्यक्ति और ईमानदारी से सीधी बात कहने वाले पत्रकार के रूप में मशहूर शौरी के मुताबिक इन दिनों वह किताबें लिखने में व्यस्त हैं.

शौरी ने हाल में "डज ही नो ए मदर्स हर्ट: हाउ सफरिंग रिफ्युट्स रिलिजन" नाम की किताब लिखी है. किताब उनके विकलांग बच्चे और अस्वस्थ पत्नी के बारे में हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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