1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत दौरे पर पाकिस्तानी गृह मंत्री

१४ दिसम्बर २०१२

पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक भारत में हैं. दोनों देशों के बीच नई वीजा प्रणाली बातचीत का अहम मुद्दा है लेकिन मुंबई हमलों की काला छाया अब भी आपसी रिश्तों पर मंडरा रही है.

https://p.dw.com/p/172SD
तस्वीर: DW

भारत में रहमान मलिक गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलेंगे. नए वीजा समझौते के लागू होने के बाद व्यापारी आसानी से दोनों देशों में आ जा सकेंगे. नई दिल्ली में डीडब्ल्यू को मलिक ने बताया, "नई वीजा प्रणाली से दोनों देशों में सद्भावना बढ़ेगी और विकास और समृद्धि के रास्ते दोनों देशों में और पक्के होंगे.“

भारत में मलिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज से भी मिलेंगे. दोनों देशों के अधिकारियों के बीच आतंकवाद निरोध, जाली भारतीय मुद्रा और सुरक्षा और जांच एजेंसियों के बीच सहयोग पर बात होगी.

मलिक ने बताया कि भारत में इलाज कराने जा रहे लोगों को अलग तरह का वीजा दिया जाएगा. भारत ने पहले ही एलान कर दिया है कि दिसंबर 25 को शुरू हो रही भारत पाक क्रिकेट सीरीज के लिए पाकिस्तान के 3,000 लोगों को वीजा दिया जाएगा.

Sushil Kumar Shinde Indien ehemaliger Energieminister Innenminister
तस्वीर: AP

नए वीजा कानूनों के मुताबिक कोई भी पर्यटक तीन के बजाय पांच शहरों में जा सकता है और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग और 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ मशहूर व्यापारियों को पुलिस में अपने आने की खबर नहीं देनी होगी. यात्रियों को पहले तीन शहरों के लिए तीन वीजा के बजाय एक ही वीजा दिया जाएगा.

दिल्ली में रेस्तरां चला रहे प्रदीप गुलाटी अकसर इस्लामाबाद जाते हैं. उनका कहना है कि पुलिस में हाजिरी देने वाले नियम को खत्म करने से दोनों देशों का एक दूसरे पर भरोसा बढ़ेगा.

नए वीजा नियमों से व्यापार बढ़ेगा. पाकिस्तान ने तय किया है कि वह इस वक्त व्यापार सूची में शामिल किए गए 137 चीजों की जगह 6,000 चीजों के आयात को जमीनी रास्ते से लाने की मंजूरी देगा. इसका मतलब है कि भारत पाकिस्तान के बीच व्यापार अगले तीन सालों में पांच गुना बढ़ सकता है. इस वक्त अटारी वाघा सीमा के रास्ते सालाना दो अरब रुपयों का व्यापार होता है. फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच ज्यादातर व्यापार मुंबई और कराची के बंदरगाहों से होता है.

दोनों देशों में व्यापारी और विभाजन के समय बंटें परिवार नए नियमों से खुश हैं लेकिन भारतीय अधिकारी अब भी मुंबई हमलों की याद के साथ बैठकों में जाएंगे. भारत को सबसे ज्यादा परेशानी इस बात से है कि पाकिस्तान 2008 के हमलों के जिम्मेदार लोगों को सजा क्यों नहीं दिला रहा.

रिपोर्टः मुरली कृष्णन/एमजी(डीपीए, पीटीआई)

संपादनः निखिल रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी