"भारत पाकिस्तान के लिए अल कायदा से भी बड़ा खतरा है"
१२ मई २०११ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में पाए जाने से एक तरफ अमेरिका के दिल में पाकिस्तान के लिए अविश्वास की भावना पैदा गई है, तो दूसरी ओर भारत ने 50 मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची जारी कर कहा है कि उसे पूरा यकीन है ये सभी पाकिस्तान में ही हैं. कोई मौका ना खोते हुए भारत ने सूची में आईएसआई के अधिकारियों के नाम भी डाल दिए और कहा कि इन सब पर आतंकवादियों का साथ देने का शक है.
वहीं अमेरिका की विदेश नैतिक परिषद की बैठक में अमेरिकी सांसद माइक रॉजर्स ने भी इस बात को दौहरा दिया. रॉजर्स ने कहा, "हम जानते हैं कि आईएसआई के कुछ सदस्य अभी भी तालिबान, अल कायदा के कुछ तत्वों और हक्कानी नेटवर्क का समर्थन करते हैं."
मुश्किल है पाकिस्तान का साथ
रॉजर्स ने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि उसे आतंकवादी संगठनों से खतरा नहीं, बल्कि उसे इस बात का पूरा यकीन है कि सबसे बड़ा खतरा भारत से है, "पाकिस्तान अभी भी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है कि तालिबान और अल कायदा से उसे भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा खतरा है. उन्हें लगता है कि भारत ही उनकी सबसे बड़ी समस्या है. और मेरे ख्याल से अमेरिका के लिए यही अब तक का सबसे बड़ा संघर्ष रहा है." एक सवाल के जवाब में रॉजर्स ने कहा, "वह (पाकिस्तान) हमें कहते हैं, जी हम आपकी मदद करना चाहते हैं, लेकिन क्या आपने हाल में भारत की तरफ देखा है? यहीं से पाकिस्तान के साथ हमारी समस्या शुरू हो जाती है."
रॉजर्स ने कहा कि अमेरिका को अब सख्ती बरतने की जरूरत है, ताकि जल्द से जल्द पाकिस्तान और बिन लादेन के रिश्तों के बारे में पता लगाया जा सके, "बहुत स्वाभाविक सी बात है, अगर हमें अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना है तो हमें हर बात का पता लगाना होगा कि ओसमा बिन लादेन पांच सालों से वहां क्या कर रहा था और वहां कैसे पहुंचा. सभी को यह बात समझ लेनी चाहिए."
सरकार की भूमिका के बारे में नहीं पता
रॉजर्स ने आईएसआई पर तो निशाना साधा लेकिन सरकार के मिले होने के बारे में संभल कर ही बात की, "मेरे पास जितनी जानकारी है उसे देखते हुए हम यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकते कि किसी उच्च अधिकारी को इस बारे में पता था और उसने बिन लादेन को आश्रय दिया. यह बात तो साफ है कि कुछ लोग इस बारे में जानते थे लेकिन उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली, पर अभी हम यह नहीं कह सकते कि सरकार ने भी सब जानते हुए जान बूझ आंखों पर पट्टी बांध ली थी. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही यह बात भी साफ हो जाएगी... मैं यहां बैठ कर कुछ कह नहीं सकता. लेकिन अगर उन्हें इस बारे में पता था और उन्होंने इसकी जानकारी आगे नहीं दी, तो यह अपने आप में एक बहुत बड़ी समस्या है."
अपनी पीठ थपथपा रहा है पाकिस्तान
रॉजर्स ने कहा कि पाकिस्तान ने अतीत में अमेरिका का साथ दिया है, इसलिए कोई हैरानी की बात नहीं है कि वह अब यह कहेगा कि बिन लादेन को पकड़वाने में उसी का हाथ था. पाकिस्तान सरकार पर वार करते हुए रॉजर्स ने कहा कि पाकिस्तान इस वक्त सवालों से बचना चाहता है और अपनी ही पीठ थपथपा रहा है, "यह पाकिस्तान के लिए यह कहने का एक अच्छा मौका है कि देखिए, हमारे लिए यह शर्मनाक स्थिति है, लेकिन अब इसे भूल कर आगे बढ़ना चाहिए, हम मिल कर बहुत कुछ कर सकते हैं, तो चलिए अब इस पर ध्यान देते हैं कि किस तरह से हम आतंकवाद की कमर तोड़ सकते हैं."
रिपोर्ट: पीटीआई/ईशा भाटिया
संपादन: उभ