भारतीय खिलाड़ियों की पसंद कोच कर्स्टन
१२ मार्च २०११जब भारतीय टीम के प्रशंसक उम्मीद कर रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर इस बार टीम को वर्ल्ड कप जिताने में कामयाब होंगे तो गैरी कर्स्टन भी भारतीय टीम के साथ सफर को यादगार बनाना चाहते हैं. कुछ दिन पहले तेंदुलकर ने गैरी कर्स्टन के बारे में कहा, "उनकी देखरेख में खेलने का मैं आनंद उठाता हूं. वह वाकई काफी प्रयास कर रहे हैं." तेंदुलकर गैरी कर्स्टन के खिलाफ कई मैचों में खेल चुके हैं और अब गैरी कर्स्टन भारतीय क्रिकेट टीम के कोच हैं.
कर्स्टन को नेट्स पर खिलाड़ियों के साथ अभ्यास के दौरान बल्लेबाजों को गेंद फेंकते, कमजोरियों को समझाते या खास तरह की गेंदबाजी के गुर सिखाते देखा जा सकता है. खिलाड़ियों और कर्स्टन के बीच तालमेल अच्छा समझा जाता है और ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल की तुलना में कर्स्टन के भारतीय टीम से अच्छे संबंध हैं.
माना जाता है कि भारतीय टीम के कोच का पद संभालने से पहले गैरी कर्स्टन ने टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों से बात की. उनका व्यक्तित्व न्यूजीलैंड के कोच जॉन राइट जैसा ही है. राइट भी टीम इंडिया के कोच रह चुके हैं और 2003 में जब भारत वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा तो राइट भारत ही भारत के कोच थे. जिस समय कर्स्टन ने भारतीय टीम के कोच का पद संभाला तो टीम 2007 के वर्ल्ड कप से पहले राउंड में ही बाहर हो चुकी थी लेकिन फिर टीम ने ट्वेंटी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया.
कर्स्टन के बारे में कहा जाता है कि वह टीम के सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों के बीच अच्छा माहौल बना कर रखते हैं. कप्तान धोनी तो कह चुके हैं कि हाल के समय में भारतीय क्रिकेट के लिए गैरी कर्स्टन का आना सबसे अच्छा रहा है. "कर्स्टन ने भारतीय टीम को वह सब कुछ दिया है जो वह दे सकते थे. उनका हमारे पास होना बड़ी बात है."
भारत के लिए हाल के सालों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले गौतम गंभीर भी गैरी कर्स्टन को टीम का अहम हिस्सा मानते हैं. लेकिन टीम इस बात से दुखी है कि कर्स्टन की जल्द ही विदाई हो जाएगी. गैरी कर्स्टन ने भारतीय बोर्ड को कह दिया है कि पारिवारिक कारणों से वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम के कोच के पद से हटना चाहते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम