भ्रष्ट देशों की सूची जारी
५ दिसम्बर २०१२176 देशों में पहले नंबर पर रहने वाले देशों में न्यूजीलैंड, डेनमार्क और फिनलैंड हैं. यानी यहां सबसे कम भ्रष्टाचार है. कम भ्रष्टाचार वाले देशों में चौथे नंबर पर स्वीडन है और सिंगापुर को पांचवीं रैंकिंग मिली है.
जर्मनी 13वें नंबर है और 2011 की तुलना में वह एक अंक ऊपर आया है, यानी भ्रष्टाचार कुछ कम हुआ है. जापान 17वें पर बना हआ है. अमेरिका 2012 में 19वें नंबर पर आया जबकि पिछले साल वह 183 देशों की सूची में 24वें पर था. वहीं चीन 75वें से नीचे आ कर 80वें पर पहुंच गया है.
2012 में ट्रांसपरेंसी इंटरनेशल ने 176 देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार को देखते हुए उसे रैंकिंग दी है. सूची में एक से 100 के बीच रैंकिंग है. एक सबसे कम भ्रष्ट और 100 भ्रष्टतम.
सबसे ज्यादा 10 भ्रष्ट देशों की सूची इस प्रकार है.
रैंक देश स्कोर
174 सोमालिया 8
174 उत्तर कोरिया 8
174 अफगानिस्तान 8
173 सूडान 13
172 म्यांमार 15
170 उज्बेकिस्तान 17
170 तुर्कमेनिस्तान 17
169 इराक 18
165 वेनेजुएला 19
सबसे कम भ्रष्ट
रैंक देश स्कोर
9 नीदरलैंड्स 84
9 कनाडा 84
7 नॉर्वे 85
7 ऑस्ट्रेलिया 85
6 स्विट्जरलैंड 86
5 सिंगापुर 87
4 स्वीडन 88
1 न्यूजीलैंड 90
1 फिनलैंड 90
1 डेनमार्क 90
बुधवार को जारी हुई रिपोर्ट में स्पेन, पुर्तगाल, इटली और ग्रीस पश्चिमी यूरोप के सबसे भ्रष्ट देशों में हैं. स्कोर के मामले में शून्य नंबर सबसे भ्रष्ट है जबकि 100 एकदम साफ सुथरा है. ग्रीस का स्कोर 36, इटली का 42, पुर्तगाल का 63 और स्पेन का 65 है.
डेनमार्क, फिनलैंड और न्यूजीलैंड तीनों 90 के स्कोर के साथ पहले नंबरों पर हैं. 176 में से दो तिहाई देशों का स्कोर 50 से भी कम है.
रिपोर्ट जारी करते हुए ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने कहा, "भ्रष्ट सरकारों पर लोगों के बढ़ते गुस्से ने पिछले साल कई नेताओं को पद से हटा दिया. लेकिन जब धूल साफ हुई तो पता चला कि रिश्वत, सत्ता का दुरुपयोग और गोपनीय व्यापार कई देशों में अभी भी बहुत ज्यादा हैं."
सर्वे दिखाता है कि अरब क्रांति से उबरे हुए देशों में बहुत कम सुधार दिखाई दे रहा है. इसमें मिस्र और मध्यपूर्व शामिल हैं.
वहीं यूरोजोन के संकट की मार खा रहे देशों में ग्रीस जहां पिछले साल 84 के स्कोर पर था वह अब 94 के स्कोर पर पहुंच गया है. ट्रांसपरेंसी के प्रबंध निदेशक कोबुस डे स्वार्ड कहते हैं, दुनिया में भष्ट्राचार पर सबसे ज्यादा बात की जाती है. दुनिया की आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं को उदाहरण देखना चाहिए. सुनिश्चित करना ताहिए कि वह पूरी तरह पारदर्शी हैं और उनके नेताओं को कटघरे में लाया जाए."
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वैश्विक विकास के लिए अहम है लेकिन वह रैंकिंग में 80वें नंबर है और उसका स्कोर 39 है.
एएम/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए)