मां का मोटापा भ्रूण के लिए हानिकारक
१८ अगस्त २०११बुधवार को प्रकाशित एक शोध के मुताबिक संतृप्त फैटी एसिड की ज्यादा मात्रा से भ्रूण पर असर हो सकता है. शोध में जो निष्कर्ष निकला है वह ऐसे स्वास्थ्य दिशा निर्देशों का समर्थन करता है जिसके मुताबिक गर्भवती होने से पहले महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए. बेल्जियम, ब्रिटेन और स्पेन के वैज्ञानिकों ने पाया कि मवेशियों में बहुत ज्यादा फैटी एसिड डाला गया तो उनकी कोशिकाएं कम हो गईं. साथ ही जीन में बदलाव हुआ और मेटबालिक एक्टिविटी भी बदल गई.
हालांकि यह शोध गाय से लिए गए अंडाणुओं पर किए गए हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक रिसर्च में जो तथ्य सामने आए हैं उससे इस बात को जानने में मदद मिलेगी कि मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को गर्भवती होने में दिक्कत क्यों होती है. एंटवर्प यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक रो लेरॉय कहते हैं, "हम गायों में इस तरह की मेटाबलिक गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं जो प्रजनन क्षमता कम कर सकती है.
शोध से मदद
लेरॉय कहते हैं, "हमने पिछले शोध से जाना है कि फैटी एसिड अंडाणुओं के विकास पर असर डाल सकता है. लेकिन यह पहली बार है कि हम भ्रूण पर इसका नकारात्मक असर दिखाने में सक्षम है."वैज्ञानिकों ने निषेचन के आठ दिन बाद भ्रूण की जांच की. जब वह ब्लास्टोसिस्ट में विकसित हो चुके थे और उनमें 70 से 100 कोशिकाएं थी.
शोधकर्ताओं ने पाया कि भ्रूण में उच्च स्तर विशिष्ट जीन हैं जो सेलुलर तनाव से जुड़े होते हैं. यह दिखाते हैं कि उनके जीवित या सामान्य रूप से विकसित होने की कम संभावना है. नई शोध पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल प्लोस वन में छपी है.
रिपोर्ट:रॉयटर्स/ आमिर अंसारी
संपादन: आभा एम