मिस्र में हालात विस्फोटक, 100 की मौत
३० जनवरी २०११काहिरा में तीन और प्रदर्शनकारियों की मौत हुई और सिनाई शहर में भी तीन प्रदर्शनकारी मारे गए हैं. इसके बाद मंगलवार से जारी विरोध प्रदर्शनों में मरने वाले लोगों की संख्या 100 हो गई है.
न्यूज एजेंसी एएफपी ने डॉक्टरों के हवाले से बताया है कि इनमें से 33 लोग शनिवार को ही मारे गए हैं. बेनी सुएफ शहर में 22 लोगों की मौत हुई है. मिस्र के कई इलाकों में लूटपाट भी हो रही है जिसके चलते लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षा समितियों का गठन भी किया है.
हजारों लोग काहिरा की सड़कों पर उतर कर राष्ट्रपति होस्नी मुबारक से पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं. मुबारक सत्ता बचाए रखने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं और उन्होंने जनरल उमर सुलेमान को उपराष्ट्रपति भी नियुक्त कर दिया है. वह मिस्र के सैन्य इंटेलीजेंस के प्रमुख हैं और मुबारक के विश्वासपात्र हैं.
लेकिन होस्नी मुबारक के ये कदम प्रदर्शनकारियों को शांत करने में विफल होते दिख रहे हैं. राष्ट्रपति मुबारक के सुधार के वादों को प्रदर्शनकारी देर से उठाए जा रहे बेहद छोटे कदम करार दे रहे हैं और सुलेमान को उपराष्ट्रपति नियुक्त किए जाने से संतुष्ट नहीं हैं. काहिरा में विरोध प्रदर्शनों के केंद्र तहरीर स्कवेयर पर लोग नारे लगा रहे हैं कि न मुबारक, न सुलेमान, हम अमेरिका से त्रस्त हैं.
होस्नी मुबारक के आदेशानुसार शनिवार को मिस्र की कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया जिसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री अहमद शफीक को नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए कहा गया. शफीक को मिस्र के संभ्रांत वर्ग में सम्मान दिया जाता है और कई बार उन्हें राष्ट्रपति मुबारक के उत्तराधिकारी के रूप में भी पेश किया गया है.
लेकिन नोबेल पुरस्कार विजेता और आईएईए के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद अल बारादेई ने कहा है कि मुबारक के ये कदम पर्याप्त नहीं हैं. बारादेई का कहना है कि मुबारक को मिस्र छोड़कर चले जाना चाहिए क्योंकि वही देश के लिए अच्छा होगा.
पद से हटने के लिए मुबारक तैयार नहीं हैं लेकिन अरब जगत के प्रभावशाली उलेमा यूसुफ अल कारादावी ने मुबारक से हटने की अपील की है. "मुबारक हट जाओ. लोगों पर रहम करो और मिस्र में तबाही से पहले चले जाओ." कारादावी ने मुबारक को गूंगा, बहरा और अंधा करार दिया है.
मिस्र में जारी हालात से अमेरिका भी चिंतित है और उसने अपील की है कि मुबारक को वास्तविक सुधारों को लागू करना चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिस्र में स्थिति पर विचार विमर्श के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के साथ बातचीत की है. अमेरिका ने प्रदर्शनकारियों से निपटने में संयम बरतने और नागरिक अधिकारों का सम्मान करने का अनुरोध किया है.
मिस्र की जनता होस्नी मुबारक के राष्ट्रपति पद से हटने, भ्रष्टाचार के खात्मे और पुलिस बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. उसका आरोप है कि 30 साल के शासन के दौरान मिस्र में व्यवस्थागत ढंग से भ्रष्टाचार और पुलिस क्रूरता फैल रही है.
काहिरा के अलावा अन्य शहरों से भी विरोध प्रदर्शनों का समाचार है. मुबारक के शासन के खिलाफ इस्मालिया, अलेक्जेंद्रिया में भी प्रदर्शन हुए हैं. ट्यूनीशिया में पूर्व राष्ट्रपति बेन अली के खिलाफ प्रदर्शन और फिर देश से भागने के बाद मिस्र में भी विरोध हो रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम