मेसी के आने से भी उत्साहित नहीं कोलकाता
१७ अगस्त २०११यह खबर भारतीय फुटबॉल के बदन में झुरझरी पैदा करने के लिए काफी है.यह बात अलग है कि फिलहाल झुरझुरी पूरी तरह महसूस नहीं हो पा रही है.
2 सितंबर को कोलकाता में अर्जेंटीना और वेनेजुएला की फुटबॉल टीमों के बीच एक दोस्ताना मैच होना है. इस मैच में मेसी के अलावा माशेरानो, हिगुआएन और आगुएरो जैसे कई अंतरराष्ट्रीय सितारे नजर आएंगे. मैच शाम 7 बजे से कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में होगा. यह वही शहर है जहां 2008 में डिएगो माराडोना भी नजर आए थे. हालांकि तब वह फुटबॉल खेलना छोड़ चुके थे लेकिन उन्हें देखने के लिए कोलकाता के फुटबॉल फैन्स का उत्साह खेल के लिए उनके प्यार को जाहिर कर रहा था.
उत्साह कुछ कम है
उम्मीद की जा रही है कि एक लाख 30 हजार लोगों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में मेसी की अगुआई के लिए भी वैसा ही नजारा होगा. हालांकि भारतीय मीडिया में इसके लिए ज्यादा उत्साहित करने वाली खबरें नहीं आ रही हैं. कोलकाता के अखबार द टेलीग्राफ की एक खबर के मुताबिक मैच के टिकट बिक तो रहे हैं लेकिन कोलकाता के स्थानीय लोगों से ज्यादा बाहर के लोग उन्हें खरीद रहे हैं. अखबार के मुताबिक ज्यादातर टिकटें इंटरनेट पर बिकी हैं और दक्षिण भारत के अलावा सिंगापुर और अन्य देशों के फैन्स ने भी टिकटें खरीदी हैं. ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के साथ मिलकर मैच का आयोजन करने वाले सेलिब्रिटी मैनेजमेंट ग्रुप के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के भास्वर गोस्वामी के हवाले से अखबार लिखता है, "ऑनलाइन पर तो टिकट बढ़िया बिक रहे हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि जैसे जैसे मैच की तारीख पास आएगी, मोहम्मडन स्पोर्टिंग के ग्राउंड के काउंटर से टिकटों की बिक्री बढ़ेगी और विज्ञापन भी आने लगेंगे."
गोस्वामी बताते हैं कि टिकट खरीदने वालों में से 60 फीसदी से ज्यादा कोलकाता के बाहर के हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों में टिकट की मांग काफी ज्यादा है. सिंगापुर और आसपास के दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने भी काफी टिकट खरीदे हैं. एक हजार, दो हजार, 25,00, 35,00 और 5120 रुपये के टिकट उपलब्ध हैं.
फुटबॉल को क्या मिलेगा
इस सारे तामझाम के बीच सवाल यह है कि भारतीय फुटबॉल को इससे क्या फायदा होगा. आयोजकों की उम्मीद है कि भारतीय फुटबॉल में पैसा आएगा और खेल को देखने वाले मिलेंगे. भारत के चंद नामी फुटबॉलरों में शामिल सुनील छेत्री ने अखबार द हिंदू से कहा, "इस मैच से जो उत्साह पैदा होगा, हमें उस पर खेल की एक इमारत खड़ी करनी होगी. खिलाड़ी, फेडरेशन, स्पॉन्सर्स, प्रमोटर्स वगैरह सबको मिलकर अपनी अपनी तरफ से कोशिश करनी होगी. अगर हम इस मैच के उत्साह का फायदा नहीं उठा पाए तो बड़ी निराशाजनक बात होगी."
भारत में और खासतौर पर कोलकाता में इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की टीमें खेल चुकी हैं. जानेमाने क्लब बायर्न म्यूनिख की टीम कोलकाता की यात्रा कर चुकी है. लेकिन सवाल है कि इन मैचों से खिलाड़ियों को कोई फायदा पहुंचता है या नहीं. छेत्री कहते हैं, "मैं इस मैच का इंतजार कर रहा हूं. बेशक एक प्रतियोगी मैच और दोस्ताना मैच में फर्क होता है. दोनों मैचों में जोश और जुनून एक जैसा नहीं हो सकता. लेकिन अर्जेंटीना की लगभग पूरी टीम अपने नए कोट के साथ मौजूद रहेगी तो मैं उम्मीद कर सकता हूं कि यह एक अच्छा मैच होगा. आमतौर पर जब ये टीमें एशिया में खेलनी आती हैं तो बड़े खिलाड़ी नहीं खेलते हैं. इस बार ऐसा नहीं है."
इस बार तो आयोजकों ने यह सुनिश्चित किया है कि बड़े खिलाड़ी मैदान पर उतरें. इसके लिए सेलिब्रिटी मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट भी किया है. यही वजह है कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को इस मैच से खासी उम्मीदें हैं. फेडरेशन के अध्यक्ष सुब्रतो दत्ता ने कहा है कि भारतीय फुटबॉल को ऐसे मैचों की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा, "इस मैच पर अलग अलग ग्रुप कुल मिलाकर लगभग 22 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार छह करोड़ रुपये खर्च करके सॉल्ट लेक स्टेडियम में सुधार कर रही है."
दत्ता को उम्मीद है कि इस तरह के बड़े मैचों से खेलों की मार्किटिंग करने वाले ग्रुप फुटबॉल में दिलचस्पी लेंगे जिसका सीधा फायदा भारतीय फुटबॉल को होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार