यूरो बचाव पर धीमी प्रगति
२४ अक्टूबर २०११कर्ज संकट से ऊबरने का सही रास्ता यूरोपीय देश अभी भी नहीं ढूंढ पाए हैं. ग्रीस को दिवालिया होने से बचाने वाला और इटली तथा स्पेन जैसे जोखिम में फंसे देशों को संकट से बाहर निकालने वाला पैकेज अभी तय नहीं हुआ है. शिखर भेंट के दौरान जर्मनी और फ्रांस ने इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी पर कर्ज कम करने के लिए दबाव डाला. दबाव बैंकों पर भी है कि वे जोखिम से बचने के लिए अपनी पूंजी बढाएं और ग्रीस को बचाने में ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएं.
जर्मन संसद की भूमिका
पूरे सप्ताहांत चले विचार विमर्श के बावजूद इस पर विवाद रहा कि यूरो बचाव पैकेज को किस तरह से और प्रभावशाली बनाया जा सकता है. लेकिन उससे पहले जर्मन संसद बुंडेसटाग को भी हरी झंडी दिखानी होगी. संवैधानिक अदालत के एक फैसले के बाद जर्मन संसद को यूरोपीय मामलों में अधिक अधिकार मिल गया है.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल संसद में राजनीतिक पार्टियों और संसदीय दल के नेताओं को शिखर भेंट के फैसलों के बारे में बता रही हैं. इस बैठक में बुधवार को होने वाली शिखर भेंट से पहले संसद में इस मुद्दे पर बहस के कार्यक्रम पर चर्चा होगी. बुधवार से पहले या तो पूरी संसद को या बजट समिति को यूरो जोन को स्थिर बनाने की योजना को पास करना होगा. यह फैसला शिखर भेंट में चांसलर की सहमति के लिए भी जरूरी होगा.
बर्लिन के दबाव पर यूरोपीय संघ की संधि में भी फेरबदल किया जा रहा है. जर्मनी इस तरह से अंधाधुंध कर्ज लेने वाले देशों के बजटों पर नियंत्रण की संभावना बनाना चाहता है. वित्त नीति की निगरानी के अभाव को कर्ज संकट की शुरुआत की वजह माना जाता है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष हरमन फान रॉमपॉय से दिसंबर तक इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. शिखर भेंट के प्रमुख ने कहा, "वे इस पर विचार करेंगे कि आर्थिक सहयोग को बेहतर बनाने के लिए हमें क्या चाहिए."
ग्रीस को राहत की तैयारी
यूरोपीय नेता ग्रीस को बैंकों की भागीदारी के साथ कर्ज के एक हिस्से की माफी की तैयारी कर रहे हैं. जुलाई में तय 109 अरब यूरो का बचाव पैकेज वित्तीय बाजारों में उथल पुथल के कारण पर्याप्त नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों के अनुसार ग्रीस को संकट का सामना करने के लिए अगले दस सालों में 251 अरब यूरो की जरूरत होगी. बैंक इस बात का विरोध कर रहे हैं कि उन्हें ग्रीस को दिए कर्ज का आधा हिस्सा माफ करना होगा. अब तक वे अपनी मर्जी से 21 प्रतिशत माफी के लिए तैयार थे. कर्ज माफी को बर्दाश्त करने के लिए उन्हें अपनी पूंजी 100 अरब यूरो बढ़ानी होगी.
ब्रसेल्स में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी की कोशिश यह दिखाने की रही कि दोनों देशों के बीच कोई विवाद नहीं है. सारकोजी ने कहा, "बुधवार को वित्तीय संकट को दूर करने पर सहमति हो जाएगी." जरूरत पड़ने पर इटली जैसे देशों की मदद कर सकने के लिए बेल आउट पैकेज का प्रभावी इस्तेमाल करने की सोची जा रही है.
इसके लिए दो मॉडेलों पर चर्चा हो रही है. एक में उससे संकटग्रस्त देशों के बॉन्ड्स की गारंटी दी जाएगी. दूसरे विकल्प में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को भी शामिल किए जाने की बात है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि यूरोपीय बचाव पैकेज ईएफएसएफ को बैंक का लाइसेंस देने की फ्रांस की मांग पर अब विचार नहीं हो रहा है. जर्मनी इसका विरोध कर रहा था क्योंकि ऐसा होने पर बचाव कोष वित्तीय मदद देने वाली मशीन की तरह काम करता.
रिपोर्ट: डीपीए, रॉयटर्स/महेश झा
संपादन: ए कुमार