यूरोजोन के मंत्री ग्रीस की मदद पर सहमत
२२ अक्टूबर २०११ग्रीस संकट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक मंदी का खतरा पैदा कर रखा है. इसलिए यूरोपीय संघ पर इस संकट को हल करने के लिए पूरी दुनिया का दबाव है. कई हफ्ते तक चले गतिरोध के बाद आखिरकार शुक्रवार को यूरोजोन के वित्त मंत्रियों ने सहमति की ओर पहला कदम बढ़ाया. मध्य सितंबर में रोकी गई ग्रीस को दी जाने वाली आठ अरब यूरो की मदद का एक हिस्सा जारी करने पर सहमति बन गई है. यूरोजोन की 5.8 अरब यूरो की मदद पर लगी रोक हटाने के लिए यूरोजोन राजी हो गया है.
यह सिर्फ शुरुआत है
असली मुद्दा यह है कि ग्रीस के 350 अरब यूरो के कर्ज के पहाड़ का क्या किया जाए. राजनयिकों के मुताबिक ब्रसेल्स में हुई यूरोजोन के वित्त मंत्रियों की बैठक में इस बात पर फैसला हुआ कि निजी क्षेत्र के बैंकों को कम से कम 50 फीसदी की कटौती झेलने को तैयार रहना होगा. इसी आधार पर भविष्य में बैंकों के साथ बातचीत की जाएगी.
मंत्रियों ने माना कि ग्रीस को संकट से उबारने के लिए जितने पैसे का अनुमान जुलाई में लगाया गया था, अब उससे ज्यादा ही देना होगा. एक राजनयिक ने बताया कि शुक्रवार रात तक चली बातचीत इस नतीजे के साथ खत्म हुई कि ग्रीस की राहत के लिए एक और योजना के बारे में स्पष्टता हो जाने के बाद ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद पर बात संभव है.
आईएमएफ तैयार पर मतभेद बाकी
मई 2010 में तय की गई शर्तों के मुताबिक आईएमएफ को 2.2 अरब यूरो का अपना हिस्सा जारी करना होगा. हालांकि कई राजनयिकों ने साफ किया कि कोष की अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्द ने अपनी सहमति जता दी है. बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया, "नवंबर के पहले हफ्ते में अदायगी संभव है." मुद्रा कोष की महानिदेशक क्रिस्टीन लगार्द ने कहा है कि आईएमएफ इस समस्या का हल ढूंढने में यूरोप की हर संभव मदद करेगा.
इस पूरे संकट के भीतर का बडा़ संकट यूरोपीय नेताओं की आपसी खींचतान रही है. यूरो जोन की दो सबसे बड़ी ताकतें जर्मनी और फ्रांस वित्तीय स्थिरता के लिए बनाए जाने वाले 440 अरब यूरो के फंड को लेकर एकराय नहीं हो पा रहे हैं. ग्रीस से शुरू हुआ वित्तीय संकट का यह चक्रवात इटली को अपने अंदर खींच सकता है. इसलिए यह स्थिरता फंड बनाया जा रहा है ताकि आने वाले किसी भी संकट से निपटने के लिए पहले ही तैयार रहा जा सके. लेकिन फ्रांस और जर्मनी अब भी इस फंड के इस्तेमाल की शर्तों पर सहमत नहीं है.
हालांकि शुक्रवार को ब्रसेल्स में हुई बातचीत ने उम्मीद की नई किरण जगाई है. इसी उम्मीद ने शुक्रवार को यूरोप के बाजारों को भी ताकत दी. बैठक का अगला दौर बुधवार को होना है. इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल शनिवार को ब्रसेल्स में ही मुलाकात करेंगे.
रिपोर्टः एएफपी/एपी/वी कुमार
संपादनः एन रंजन