जी-20: यूरो जोन की स्थिरता पहली प्राथमिकता
१४ अक्टूबर २०११शुक्रवार और शनिवार को होने वाली बैठक से पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा कि यूरो जोन के वित्तीय संकट का समाधान उच्च प्राथमिकता होगी. नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, "जी-20 की बैठक ऐसे संदर्भ में हो रही है जिसमें यूरो जोन को स्थिर करने के समाधान ढूंढना पहली प्राथमिकता है." अधिकारी ने कहा कि यूरो जोन वैश्विक संकट के केंद्र में हैं और यदि हम यूरो जोन को स्थिरता नहीं दे पाते हैं तो आने वाले महीनों में और समस्याएं झेलनी होगीं.
कर्ज संकट से बाहर निकलने की राह
पैरिस की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब यूरो जोन के नेता कर्ज से प्रभावित बैंकों की मदद कर कर्ज संकट से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं. ग्रीक प्रधानमंत्री जॉर्ज पापांद्रेऊ ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के अध्यक्ष हरमन फान रॉमपोय के साथ बातचीत कर रहे हैं तो स्लोवाकिया में विपक्ष की सहमति के बाद बचाव पैकेज को संसद द्वारा पास किया जाना तय हो गया है, लेकिन अंतिम फैसले से पहले उसका इंतजार किया जा रहा है.
मंगलवार को स्लोवाकिया की संसद ने यूरोपीय वित्तीय स्थिरता संधि का अनुमोदन करने से मना कर दिया था. लेकिन संसद में हार के बाद सेंटर-राइट सरकार ने वामपंथी विपक्ष के साथ शुक्रवार को फिर से इस पर मतदान कराने पर सहमति पा ली है. बदले में विपक्ष से मार्च में मध्यावधि चुनाव कराने का वायदा किया गया है. अमेरिका और चीन कमजोर होती वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यूरोपीय संघ पर अपना घर ठीक करने के लिए दबाव डाल रहे हैं.
प्रस्तावों पर फैसला नवम्बर में
फ्रांस इस समय प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के संगठन जी-20 का वार्षिक अध्यक्ष है और फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा है कि वित्त मंत्रियों की बैठक में तय होने वाले प्रस्तावों को नवम्बर के पहले सप्ताह में कान में होने वाले शिखर सम्मेलन में जी-20 के नेताओं के सामने पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पर्याप्त राजस्व वाले देशों को अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कहा जाएगा जबकि फ्रांस और अन्य देश बजट को ठीक करने पर ध्यान देंगे. फ्रांस को यह भी उम्मीद है कि सप्ताहांत की बैठक में पूंजी के प्रवाह के प्रबंध के लिए आचार संहिता का मसौदा तैयार हो सकेगा. जबकि यूरोजोन के बाहर के देश यूरो जोन के देशों से वित्तीय संकट से निबटने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग करेंगे.
बैठक से पहले 450 अर्थशास्त्रियों ने एक पत्र लिखकर जी-20 से खाद्य पदार्थों की सट्टेबाजी को रोकने के कदम उठाने की मांग की है. उनका कहना है कि खाद्यपदार्थों की सट्टेबाजी भूखमरी बढ़ा रही है.
रिपोर्ट: एएफपी/महेश झा
संपादन: ओ सिंह